शहीद लक्ष्मणसिंह की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह बुधवार दोपहर
सीआरपीएफ ट्रक से सुंदरवाड़ी गांव पहुंची। पार्थिव देह के गांव पहुंचने पर शहीद की मां केसर देवी, भाई जयसिंह, मांगेराम, पत्नी शीला देवी, पुत्र कुणाल व बेटी पायल सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
राजस्थान का एक और सपूत देश के लिए शहीद, जिन नक्सलियों को मार गिराने के लिए मिला गैलेंट्री, उन्हीं ने मार गिराया शहीद की पत्नी व मां बार-बार बेसुध हो रही थी। पार्थिव देह पर पुष्पांजलि व श्रद्धांजलि के बाद अंतिम यात्रा रवाना हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शहीद लक्ष्मणसिंह अमर रहे का जयघोष करते चल रहे थे। बाद में शहीद लक्ष्मण सिंह का अंतिम संस्कार विद्यालय परिसर में किया गया, उनके पांच वर्षीय पुत्र कुणाल ने मुखाग्नि दी।
शहीद के अंतिम विदाई के समय पार्थिव देह पर जिला पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीमराणा हिमांशु, उपखण्ड अधिकारी महेशचन्द्र मान, तहसीलदार पंकज बडग़ुजर, विकास अधिकारी श्यामसुन्दर शर्मा, थानाधिकारी वीरसिंह गुर्जर, एसआई अवतारसिंह गुर्जर सहित प्रशासनिक अधिकारियों व राजनीतिक दलों के लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा: दसवीं फेल ने किया था आईटी स्पेशलिस्ट को हायर, कर डाला सेंटर हाइजैक कांग्रेस के जिला महासचिव डॉ.गौरव यादव एवं डीपीएस स्कूल अलवर के निदेशक डॉ.संकेत यादव द्वारा शहीद की 10 वर्षीय बेटी पायल जो पांचवी कक्षा में पढ रही है, उसकी आगे की कक्षा 10 वीं तक अपने स्कूल डीपीएस अलवर में पढाने व पढाई का खर्चा उठाने की घोषणा की गई। शहीद की अंतिम विदाई में मंत्री हेमसिंह भडाना, सांसद डॉ.कर्णसिंह यादव, पूर्व विधायक महिपाल यादव, शीशराम चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष टीकाराम जूली सहित अनेक जनप्रतिनिधी व ग्रामीण उपस्थित रहे।