
Alwar News: राजस्थान के अलवर जिले में इस सीजन औसत से ज्यादा पानी बरसा है। इससे सिलीसेढ़ में भी चादर चलने लगी है। इस बार किसानों को सिलीसेढ़ से मिलने वाले पानी को 15 अक्टूबर में दिया जाएगा। अब तक केवल किसानों को रबी सीजन फसल के लिए ही पानी दिया जाता था, लेकिन अब किसानों को साल में चार बार पानी दिया जाएगा। किसानों के लिए राहत की खबर ये है कि सिलीसेढ़ में सालभर पहाड़ों से पानी आता रहेगा।
अलवर की सिलीसेढ़ झील से किसानों को पानी देने के लिए सिंचाई विभाग और अलवर एसडीएम की ओर से बैठक आयोजित की जाती है। इसमें तय किया जाता है कि किसानों को कितनी मात्रा में पानी देना है। इसके लिए माह भी तय किए जाते हैं। वहीं, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस सीजन में अच्छी बारिश होने से किसानों को पानी की आवश्यकता कम होगी। उमरैण, पैंतपुर, साहोड़ी, केसरपुर का कुछ हिस्सा नहर के पानी से सिंचित होगा।
सिलीसेढ़ के पानी से करीब 50 से 60 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। सिंचाई विभाग की ओर से एक बीघा खेत में पानी के लिए 30 से 40 रुपए तय किए गए हैं, जो केवल एक पानी के हैं। वहीं, रबी सीजन की फसल के लिए किसानों को अधिकतम 5 पानी की आवश्यकता होती है। एक बीघा खेत की सिंचाई केवल 200 रुपए में हो जाती है। इससे किसानों को फायदा मिलेगा। हालांकि कई किसानों ने अपने निजी ट्यूबवैल लगाए हुए है, जिससे खेतों की सिंचाई की जा रही है।
जिले में अभी बारिश का दौर चल रहा है। इससे पुराने नदी-नाले जीवित हो गए हैं। बताया जाता है कि इस बार पानी का पानी पहाड़ों में जमा हो गया है, इस पानी का रिसाव वर्षभर रहेगा। पहाड़ी क्षेत्र में बने जलाशयों में पानी का स्तर यथावत बना रहेगा। सिलीसेढ़ में भी पूरे वर्षभर पानी आएगा। इससे सिलीसेढ़ रिचार्ज होता रहेगा।
किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने से पूर्व एसडीएम अलवर अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाती है। इसमें पानी देने पर मंथन किया जाता है। हालांकि 15 अक्टूबर के बाद किसानों को पानी दिया जाता है।
-संजय खत्री, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, अलवर।
Updated on:
11 Sept 2024 12:04 pm
Published on:
11 Sept 2024 11:54 am
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