अलवर के पूर्व सांसद महंत चांदनाथ का देहांत 17 सितंबर 2017 को हो गया था, लेकिन अभी भी उन्हें अलवर सांसद दिखाया गया है।
महंत चांदनाथ का स्वर्गवास हुए हो गया 1 साल से अधिक समय, लेकिन यहां अभी भी उन्हें दिखा रखा है अलवर सांसद
अलवर. देश में भले ही डिजिटल इंडिया का पाठ पढ़ाकर युवाओं को तरक्की के सपने दिखाए जा रहे हैं हो लेकिन अलवर के युवाओं को जो पढ़ाया जा रहा है उससे तो सामान्य ज्ञान ही खराब हो रहा है। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की लापरवाही के चलते विद्यार्थियों तक गलत सूचना पहुंच रही है। सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन विभाग ने पोर्टल पर आज भी पुराने सांसद व विधायक ही छाए हुए हैं।
अलवर से सांसद रहे महंत चांदनाथ का स्वर्गवास हुए करीब डेढ साल का समय हो चुका है। लेकिन स्कॉलरशिप के पोर्टल पर वो आज भी जिंदा है। जबकि वर्तमान में अलवर के सांसद करण सिंह हैं। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के स्कॉलर शिप पोर्टल पर आज भी महंत चांदनाथ को ही सांसद दिखाया जा रहा है। विभाग की ये लापरवाही विद्यार्थियों के लिए भारी पड़ सकती है। विभाग से स्कॉलरशिप लेने वाले छात्र जब स्कॉलरशिप के पोर्टल पर आवेदन करते हैं तो उनको निर्वाचन क्षेत्र का कॉलम भरना होता है। इसमें अलवर शहर से सासंद महंत चांदनाथ का नाम ही दर्शाया जा रहा है।
महंत चांदनाथ 2014 में वो भाजपा से राजस्थान में अलवर शहर से लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए। लेकिन 17 सितंबर 2017 को उनका देहावसान हो गया। उनका कार्यकाल तीन साल का रहा। इसके बाद लोकसभा उपचुनाव हुआ और अलवर से करण सिंह को सासंद चुना गया। उनका देहावसान हुए करीब डेढ साल का समय हो चुका है लेकिन आज तक विभाग ने स्कॉलरशिप की साइट को अपडेट नहीं किया है। विभाग की ओर से वर्तमान में एससी,एसटी, ओबीसी, एसबीसी आदि वर्गो में हजारों विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जा रही है।
Website Showing Late Mahant Chandnath” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/12/28/chandnathh_3897181-m.jpg”>एमएलए भी नहीं बदला विभाग की लापरवाही केवल अलवर सांसद के नाम तक ही सीमित नहीं है बल्कि अलवर शहर के ग्रामीण विधायक के नाम में भी यही गफलत आ रही है । पोर्टल पर आज भी भाजपा से अलवर ग्रामीण विधायक जयराम जाटव को ही दर्शाया गया है। जबकि विधानसभा चुनाव होने के बाद कांग्रेस के अलवर ग्रामीण विधायक टीकाराम जूली बन गए हैं।
यह कहते हैं अधिकारी अभी तक मेरी जानकारी में यह बात नहीं आई है। मुख्यालय पर बैठक आयेाजित की गई है। उसमें संभवत इस तरह के विषयों पर चर्चा होगी। शीघ्र ही समस्या का समाधान किया जाएगा। -अशोक बैरवा, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग, अलवर।