रक्षा का बांधा जाता है धागा स्वयं की रक्षा के लिए बहनें अपने भाई से, शिष्य अपने गुरु से, यजमान अपने पुरोहित से राखी का पवित्र धागा बांधकर रक्षा का वचन लेते हैं। इसलिए इसे रक्षाबंधन कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली से खून बहने लगातो द्रोपदी बड़ी दुखी हुई। उन्होंने अपनी साड़ी का टुकडा चीरकर भगवान की अंगुली में बांधा, जिससे उनका खून बहना बंध हो गया। तभी से भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन स्वीकार कर लिया। भगवान श्रीकृष्ण ने चीरहरण के समय द्रेपदी की लाज बचाकर भाई का फर्ज निभाया था।
आम दिनों से बस व ट्रेनों में दोगुने हुुए यात्री अलवर. राखी के त्यौहार को देखते हुए बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। बसों व टे्रनों में आमदिनों की तुलना में दोगुना यात्री भार हो चुका है। बसों व ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही है।
हर बार की तरह रक्षाबंधन पर ट्रेन व बसों में खासा भीड़ है। अलवर के केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर हर तरफ के रूट की बसें फुल जा रही हैं। अपने निर्धारित समय से पहले ही बसें सवारियों से फुल हो जाती है। वैसे बसों में तो रक्षाबंधन के दिन महिलाओं की नि:शुल्क यात्रा होती है जिसके कारण रक्षाबंधन के दिन बसों में सबसे अधिक भीड़ महिलाओं की रहती है। यही हाल ट्रेनों का है। अलवर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि अलवर रेलवे जंक्शन से करीब 88 गाडिय़ां निकलती हैं। पहले की तुलना में गाडिय़ों में दोगुनी सवारी आ रही है। रक्षाबंधन के एक दिन बाद तक यह भीड़ रहेगी। हालांकि अभी रक्षाबंधन के पर्व पर अलग से ट्रेन चलाने को लेकर विभाग के स्तर से निर्देश नहीं आए हैं। इन दिनों में रिजर्वेशन कराने वालों की भीड़ भी अधिक है। ऑनलाइन रिजर्वेशन पहले ही होने के कारण यात्रियों को दिक्कतें आ रही हैं।
हर बार की तरह रक्षाबंधन पर ट्रेन व बसों में खासा भीड़ है। अलवर के केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर हर तरफ के रूट की बसें फुल जा रही हैं। अपने निर्धारित समय से पहले ही बसें सवारियों से फुल हो जाती है। वैसे बसों में तो रक्षाबंधन के दिन महिलाओं की नि:शुल्क यात्रा होती है जिसके कारण रक्षाबंधन के दिन बसों में सबसे अधिक भीड़ महिलाओं की रहती है। यही हाल ट्रेनों का है। अलवर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि अलवर रेलवे जंक्शन से करीब 88 गाडिय़ां निकलती हैं। पहले की तुलना में गाडिय़ों में दोगुनी सवारी आ रही है। रक्षाबंधन के एक दिन बाद तक यह भीड़ रहेगी। हालांकि अभी रक्षाबंधन के पर्व पर अलग से ट्रेन चलाने को लेकर विभाग के स्तर से निर्देश नहीं आए हैं। इन दिनों में रिजर्वेशन कराने वालों की भीड़ भी अधिक है। ऑनलाइन रिजर्वेशन पहले ही होने के कारण यात्रियों को दिक्कतें आ रही हैं।