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चंडीगढ़, मध्य प्रदेश व पंजाब से ज्यादा पर्यावरण प्रेमी राजस्थान में हैं। यही कारण है कि 15440 लोग अपनी गाड़ियों को कंडम कराने पहुंचे। इसका खुलासा केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेश स्क्रैप पॉलिसी रिपोर्ट में किया है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वाहन 1.21 लाख स्क्रैप हुए हैं। सरकार ने बताया कि 12 अगस्त तक पूरे देश में 2,76,990 वाहन कंडम किए गए हैं। एनसीआर में शामिल अलवर में भी यह पॉलिसी लागू है। यहां भी 700 से ज्यादा कंडम वाहनों को स्क्रैप किया गया है।
भारत में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाना है, जिससे पर्यावरण स्वच्छ हो और नए आधुनिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिले। इसके तहत, जो लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर में जमा करते हैं, उन्हें नए वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट, स्क्रैप मूल्य और अन्य लाभ मिलते हैं। मोटर वाहन कर में रियायत मिलती है। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए जयपुर में स्क्रैप सेंटर बनाया गया और बाकी जिलों में कलेक्शन सेंटर। अलवर में भी गाड़ियों को कलेक्ट करके जयपुर ले जाया जाता है।
देशभर में वाहनों को स्क्रैप करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, यहां अब तक 1,21,206 वाहन स्क्रैप किए जा चुके हैं। इसके बाद हरियाणा में 38,993 और महाराष्ट्र में 19,310 वाहन स्क्रैप किए गए हैं। गुजरात में 15,448 और राजस्थान में 15,420 वाहन स्क्रैप हो चुके हैं। मंत्री ने बताया कि स्क्रैपिंग के बाद से धातुओं को फिर से ऑटोमोबाइल उद्योग में प्रयोग किया जाता है।
अधिसूचना के अनुसार जो व्यक्ति अपने वाहन को इस नीति के तहत वाहन को कंडम करवाता है, उसे 30 हजार रुपए मिलते हैं। इसके अलावा वह अपने नए वाहन में पुराना रजिस्ट्रेशन नंबर भी चालू रख सकता है। नए वाहन की खरीद पर भी छूट मिलती है। मालूम हो कि पुराने या 15 साल या इससे अधिक समय के वाहन जो सड़क पर चलते हैं, वह ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, इसलिए स्क्रैप पॉलिसी लाई गई थी।
उत्तर प्रदेश 1,21,206
हरियाणा 38,993
महाराष्ट्र 19,310
गुजरात 15,448
राजस्थान 15,420
चंडीगढ़ 8,646
मध्यप्रदेश 6,892
पंजाब 4,553
उत्तराखंड 4, 437
उड़ीसा 2,737
छत्तीसगढ़ 1327
स्क्रैप पॉलिसी के तहत अलवर के कंडम वाहन यहां कलेक्शन सेंटर पर कलेक्ट करके जयपुर स्क्रैप सेंटर पर भेज रहे हैं। वहां पर पुराने वाहन काफी संख्या में स्क्रैप किए गए हैं। - सतीश कुमार, आरटीओ अलवर
Updated on:
28 Aug 2025 11:35 am
Published on:
28 Aug 2025 11:34 am
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