नौगांवा. ‘एन आँफिसर इज द फस्र्ट सरवेन्ट’ अर्थात एक अधिकारी पहला सेवक होता है । नौगांवा विद्यालय के प्राचार्य आफिस में लिखा ये वाक्य विद्यालय के संस्था प्रधान के स्कूल के प्रति समर्पण को बखूबी बयां करता है । इसी समर्पण भाव से नौगांवा के राजकीय आदर्श उमावि के संस्था प्रधान विश्राम गोस्वामी ने विद्यालय की दिशा और दशा दोनों ही बदल डाली । कुछ दिनों पूर्व जिस विद्यालय में आने से बच्चे कतराते थे, वहीं आज आलम ये है कि बच्चें निजी विद्यालयों को छोड इस विद्यालय में आने को आतुर है । विद्यालय में निजी विद्यालय जैसी सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान जब संस्था प्रधान ने कार्यक्रम में आगन्तुक ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों से विद्यालय विकास की अपील कि तो तत्कालीन नौगांवा थाना प्रभारी शिवराम सिंह गुर्जर ने इसमें महत्ती भूमिका निभाई और क्षेत्र के भामाशाहों ने भी इसमें पूरा सहयोग किया । यहां करीब 3 लाख के जनसहयोग एवं करीब 2 लाख के विद्यालय विकास कोष से विद्यालय के दोनों मुख्य द्वारों का निर्माण, बाथरूमों का निर्माण, स्कूल भवन का पेन्ट, विद्यालय में बच्चों के लिए झूले, 4 लहर कक्ष, वाटर कूलर आरओं सहित विद्यालय के खिडक़ी दरवाजों का मरम्मत कार्य एवं फर्नीचर का कार्य करवाया गया है। विद्यालय के हर कक्षा कक्ष में भामाशाहों के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगे है, जिसके कारण बच्चों में अनुशासन बना रहता है । इन कैमरों की माँनिटरिंग का कार्य स्वंय सस्था प्रधान विश्राम गोस्वामी करते हंै। इस वर्ष का माध्यमिक और उच्च माध्यमिक बोर्ड का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा । परिणाम के बूते विद्यालय में विधार्थियों की संख्या लगभग 700 हो गई है जो कभी 300 ही रहती थी।