
चिड़ियाघर बनाने के लिए वन विभाग ने दूसरा चरण भी पार कर लिया है। डीपीआर बनाने के लिए फर्म के चयन के लिए टेंडर खोल दिया है। टेक्निकल बिड की जांच हो गई है। अब डिजाइन से लेकर अन्य कार्यों के लिए संबंधित फर्म का प्रस्तुतिकरण होगा। वन विभाग के मुताबिक डीपीआर बनाने के लिए फर्म को इसी माह में वर्कऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। कटीघाटी में चिड़ियाघर बनाने का प्रस्ताव पास किया गया था, लेकिन 35 हेक्टेयर जमीन कम पड़ रही थी।
इसके लिए जिला प्रशासन ने कदम बढ़ाया और वन विभाग की पहली बाधा दूर हो गई। सरकार ने भी इस जमीन को मंजूरी दे दी है। दूसरा चरण डीपीआर बनाने के लिए टेंडर करना था। यह प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो गई है। चार फर्मों को वन विभाग ने शॉर्टलिस्ट किया है। इनकी टेक्निकल बिड चेक हो गई है।
अब प्रस्तुतिकरण के आधार पर एक फर्म का चयन करके काम दिया जाएगा। डीपीआर बनाने के लिए दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। मालूम हो कि इस चिड़ियाघर को भविष्य में लॉयन सफारी बनाया जाएगा। इसमें 150 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां लाई जाएंगी।
चिड़ियाघर की डीपीआर के लिए टेंडर खुल गया है। फर्म के प्रस्तुतीकरण के बाद वर्क ऑर्डर जारी हो जाएंगे। - राजेंद्र कुमार हुड्डा, डीएफओ, अलवर वन मंडल।
चिड़ियाघर के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। पूर्व में बनी दीवार को ऊंचा किया जा रहा है। यह कार्य भी लगभग पूरा होने जा रहा है। उसके बाद डीपीआर के आधार पर कार्य होगा।
Published on:
14 May 2025 12:23 pm
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