
कोटकासिम उपखंड मुख्यालय स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) इन दिनों अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। यहां रोजाना 400 से 450 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं, लेकिन सुविधाओं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीएचसी में कुल 47 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 15 पद रिक्त चल रहे हैं। खासकर सर्जन और हड्डी रोग विशेषज्ञ की कमी वर्षों से बनी हुई है। दुर्घटना या गंभीर स्थिति में मरीजों को मजबूरी में अलवर या जयपुर जैसे बड़े अस्पतालों में रैफर करना पड़ता है। कई बार समय पर इलाज न मिलने से मरीजों की जान पर भी बन आती है।
अस्पताल परिसर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। एंबुलेंस और आपातकालीन वाहनों को अंदर लाने में दिक्कत होती है। मरीजों के परिजन अक्सर वाहन मुख्य गेट पर खड़े कर देते हैं, जिससे गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। ग्रामीणों की मांग है कि अस्पताल में अलग से पार्किंग स्थल विकसित किया जाए।
सीएचसी परिसर में बने आवासीय क्वार्टर जर्जर हालत में हैं। हाल ही में एक क्वार्टर का छज्जा गिरने से एक बच्चा बाल-बाल बचा। स्टाफ हमेशा हादसे के डर में काम कर रहा है।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि इन दिनों अधिकतर मरीज बुखार, बदन दर्द और जोड़ दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कई मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या कम पाई गई है, जो डेंगू जैसे मच्छरजनित बुखार का संकेत है। उन्होंने बताया कि बारिश थमने के बाद मच्छरों के प्रकोप में और वृद्धि की आशंका है।
Published on:
12 Sept 2025 03:05 pm
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