&कॉलोनी की लाइटें दिन में जलती है और रात को यहां अंधेरा रहता है। सडक़ों पर टे्रफिक जाम रहता है। सारे दिन धूल मिटटी उड़ती है। जगह जगह पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। अब तो विधायक व पार्षदों से भरेासा ही उठ गया है। कोई महिला जनप्रतिनिधि आए तो ही फायदा हो सकता है।
सरोज
&पांच सालों में हमारा शहर बहुत पिछड़ गया है। छोटे -छोटे शहरों में एयरपोर्ट बन गए हैं, लेकिन हमारे यहां कुछ नहीं है। दिल्ली जाने के लिए सुबह के बाद कोई ट्रेन नहीं है। बस से जाने पर समय लगता है। अकेली महिला कार से भी नहीं जा सकती। कौन सुनेगा इन परेशानियों को।
रेखा अग्रवाल
रजनी महावर
इंदू शर्मा