
अलवर। मालाखेड़ा क्षेत्र में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल का 5 दिन के बाद भी पथरोडा गांव में मौके पर खसरा-गिरदावरी नहीं करने तथा पटवारी नहीं पहुंचने पर आखिर किसानों के सब्र का बांध टूट गया। पथरोड़ा में करीब 30 बीघा से अधिक सरसों की फसल पर ट्रैक्टर चलाया गया। इस दौरान किसानों की आंखों में आंसू छलक आए।
किसानों ने बताया कि 27 दिसंबर की रात्रि ओलावृष्टि होने से कई बीघा में सरसों की फसल नष्ट हो गई। पथरोडा तथा बुर्जा वाला क्षेत्र के पटवारी, कृषि, बीमा व प्रशासनिक अधिकारी के इंतजार में किसान तीन दिन तक परेशान रहे। सही रिपोर्ट का आकलन नहीं होने पर क्षेत्र के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली क्षेत्र में पहुंचे और मौके पर ही उन्होंने उपखंड अधिकारी, तहसीलदार के सामने ही राजस्व विभाग के पटवारी व अन्य को खरकड़ा में सरसों की फसल नष्ट होने की जानकारी दी थी। पहाड़ी क्षेत्र में सरसों की फसल बर्बाद हो गई।
आरोप है कि फिर भी पटवारी ने इसकी खसरा, गिरदावरी नहीं की। आदेशों का भी असर नहीं हुआ। किसान जफरु खान, अफजल खान, रहमत, अकरम ने बताया कि गुरुवार को भी उनके गांव पथरोडा में पटवारी, कृषि, बीमा के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं आए। खसरा-गिरदावरी नहीं की गई।
जफर खान ने बताया कि यह क्षेत्र ढाकपुरी पटवार मंडल का है। प्रशासन की लापरवाही से किसानों का सब्र टूट गया। ओलावृष्टि से नष्ट फसल को जोतना पड़ रहा है। उनका कहना था कि सरसों की फसल होती तो घर का कर्ज भी चुकता हो जाता, लेकिन अब यह कर्ज और भी बढ़ गया।
इधर, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि उपखंड क्षेत्र में छह गांवों में नष्ट सरसों की फसल की गिरदावरी पटवारी से मौके पर जाकर करवाने के लिए उपखंड अधिकारी को कहा गया था। पथरोडा गांव में पटवारी खसरा गिरदावरी करने क्यों नहीं गया और किसान अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं। यह बहुत दुखद स्थिति है।
उपखंड अधिकारी नवजोत कांवरिया ने बताया कि पटवारी को मौके पर जाकर खसरा-गिरदावरी करने के निर्देश दिए हुए हैं। वहां पटवारी नहीं पहुंचा, तो इसकी जांच पड़ताल की जाएगी। मौके पर नष्ट फसल का आकलन खसरा-गिरदावरी में कराया जाएगा।
Published on:
02 Jan 2025 07:51 pm
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