
अलवर कृषि उपज मंडी (फाइल फोटो - पत्रिका)
कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों पर सरकार ने नया यूजर चार्ज लागू कर दिया है। इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा। यह टैक्स मंडी परिसर के अंदर बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों पर लागू किया है।
इसके तहत मंडी और उप-मंडी यार्ड में गैर-अधिसूचित कृषि उपज और खाद्य पदार्थों पर प्रति 100 रुपए के लेनदेन पर 50 पैसे का शुल्क देना होगा। हालांकि मंडी परिसर के बाहर व्यापार करने वालों को इस शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है। व्यापारियों ने यूजर चार्ज का विरोध किया है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने एक ही व्यापार के लिए दो अलग-अलग नियम बना दिए हैं।
मंडी के अंदर और बाहर वस्तुओं में अंतर रहेगा। मंडी के अंदर वस्तु खरीदने पर 100 रुपए पर 50 पैसे अधिक देना होगा। अलवर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष सत्य विजय गुप्ता ने बताया कि सभी व्यापारियों ने यूजर चार्ज का विरोध किया है। गुरुवार को जयपुर में इसके लिए बैठक होगी। इसमें अलवर मंडी के व्यापारी भी शामिल होंगे। उसके बाद आगे की रणनीति तैयार होगी।
मंडी परिसर में शक्कर को छोड़कर अधिकांश खाद्य उत्पादों पर यूजर चार्ज लागू होगा। इसके अंतर्गत दाल, चावल, आटा, मैदा, सूजी, खाद्य तेल, ड्राइ फ्रूट्स आदि शामिल हैं। अधिकांश किसान अपनी उपज को बेचने के लिए मंडी में आते हैं और उसी दौरान घर की खाद्य सामग्री यहां से खरीद कर ले जाते है, लेकिन यूजर चार्ज लगने से खाद्य सामग्री के दामों में इजाफा हो जाएगा।
मंडी के अंदर कारोबार महंगा होने से प्रतिस्पर्धा में कमी आ सकती है।
मंडी से बाहर के थोक व्यापारी बिना शुल्क सामान बेचकर दाम में बढ़त ले सकते हैं।
मंडी समितियों की आर्थिक आय बढ़ेगी, लेकिन व्यापारियों का मुनाफा घट सकता है।
Published on:
21 Aug 2025 11:37 am
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