अलवर के गोविंदगढ़ एक दुखद हादसा हो गया। रक्षाबंधन को बहनों का त्योहार माना जाता है बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बनती है और उनसे अपने जीवन की रक्षा करने का संकल्प करवाती हैं रक्षाबंधन के दिन ही एक भाई की दो बहने एक साथ खत्म हो जाना दिल को दहला देने वाली घटना है। मां-बाप के साथ भाई का भी रो-रो कर बुरा हाल है। बड़ौदामेव पुलिस थाना क्षेत्र के घाट का बास की घटना है।
घाट का बास व शीतल के बीच स्थित छतरी के पास दोनों बहनें रुपारेल नदी के दूसरे किनारे पर लगे मुरेल तोड़ने के लिये दोनों बहनें रुपारेल नदी को पार कर रही थी। नदी पार करने के दौरान एक बहन नदी के पानी में डूबने लगी। तो दूसरी बहन ने पानी में डूब रही बहन को बचाने का प्रयास किया। इस बीच दोनों बहनें पानी में डूब गईं। आसपास में खेतों में काम रहे लोगों व चरवाहों को घटना के बारे में पता लगा तो लोग नदी में कूदे और पानी में डूबी दोनों बहनों को बाहर निकाला। लेकिन दोनों बहनों की दर्दनाक मौत हो गईं।
वही लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने पर बड़ौदामेव थाना पुलिस मौके पर पहुची। दोनो बहिनों के शव को गोविंदगढ़ सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस ने बताया की घाट बास निवासी धौली (11) व संजना (10) पुत्री स्व. प्यारेलाल बैरवा सोमवार की शाम सब्जी के लिये मुरेले तोड़ने के लिये घर से गई थी। इस दौरान नदी में डूबने से दोनों बहनों की मौत हो गई। दोनों बहने सब्जी लेने के लिए गई थी जो सब्जी नदी के दूसरी पर खेत में लगी हुई थी
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लगभग 10 वर्ष बाद रूपाली नदी आई है रूपाली नदी से ही दूसरे गांव का रास्ता है वहां से ही लोग निकालते हैं। इस तरह यह दोनों बहने भी उसी रास्ते से निकल रही थी अचानक से नदी में पानी के बहाव से बने गड्ढे में छोटी बहन का पैर फिसल गया और बड़ी बहन उसे बचाने के प्रयास में गड्ढे में चली गई। दोनों बहनों की डूबने से मौत हो गई। मृतक तीन बहन और दो भाई हैं। 4 वर्ष पूर्व बीमारी के चलते उनके पिता की मौत हो गई थी।