
अलवर जिले में संचालित कॉलेजों और स्कूलों से कॉमर्स संकाय के प्रति विद्यार्थियों का मोहभंग होता जा रहा है। यही वजह है कि स्कूलों में कॉमर्स संकाय सुचारू रखने के लिए तय मापदंड के अनुसार भी नामांकन नहीं हो पा रहे हैं। विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा, साइंस और कला शिक्षा को तवज्जो दे रहे हैं।
अलवर के कॉमर्स कॉलेज में 1000 सीटें हैं। इन सीटों पर अब तक 536 विद्यार्थियों ने ही एडमिशन लिया है और 464 सीटें खाली हैं। इसके साथ ही जीडी कॉलेज में कॉमर्स की 500 सीेटें हैं, लेकिन तीन बार आवेदन बढ़ाने के बाद भी अब तक 135 छात्राओं ने ही एडमिशन लिया है। इस कॉलेज में अभी भी 365 सीटें रिक्त हैं।
नवीन स्कूल में कक्षा 11 व 12वीं में कुल 16 विद्यार्थी हैं, जिसमें 12वीं में केवल 5 विद्यार्थी है। इसके साथ ही यशवंत स्कूल में कुल 25 विद्यार्थी कॉमर्स संकाय की पढ़ाई कर रहे हैं।
कॉमर्स के प्रति विद्यार्थियों का रुझान कम होने के पीछे कई कारण हैं, जिसमें एक तो किसान व ग्रामीण परिवेश के छात्र स्नातक करते ही सरकारी नौकरी की आस रखते हैं, जबकि कॉमर्स में सरकारी नौकरी के विकल्प कम हैं। इसके साथ ही सीए और सीएस की तैयारी के लिए विद्यार्थी कोचिंग जॉइन करते हैं। कॉमर्स से स्नातक करने वालों को बीएड करने से भी बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिलता। सरकार कॉमर्स के विद्यार्थियों को अलग से डिप्लोमा कोर्स शुरू करे, जिससे कॉमर्स के विद्यार्थियों को नौकरी में मौका मिल सके। स्कूल स्तर पर ही विद्यार्थियों को कॉमर्स के जरिए रोजगार के अवसरों के बारे में बताया जाए। - हुकम सिंह, पूर्व प्राचार्य, आरआर कॉलेज, अलवर
Published on:
09 Sept 2025 01:17 pm
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
