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घर के आगे नीले रंग की बोतल लटकाने से क्यों भाग जाते हैं डॉग्स?

अलवर नगर निगम भले ही लावारिस श्वानों को पकड़कर उनकी नसबंदी के लिए अभियान चला रहा है, लेकिन यह कारगर होता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग घरों के बाहर नीले और लाल रंग के पानी से भरी बोतलें लटका रहे हैं।

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मेहताब सिंह नोहरा में एक घर पर लटकी हुई रंगीन बोतल

अलवर नगर निगम भले ही लावारिस श्वानों को पकड़कर उनकी नसबंदी के लिए अभियान चला रहा है, लेकिन यह कारगर होता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग घरों के बाहर नीले और लाल रंग के पानी से भरी बोतलें लटका रहे हैं। शहर के पुराने मोहल्लों से लेकर कई पॉश कॉलोनियों में घरों के बाहर नीले या लाल रंग की बोतल टंगी देखी जा सकती है। खास बात यह भी है कि अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक व बिजनसमैन सहित सभी वर्ग के लोग इस टोटके पर भरोसा जता रहे हैं।

इन क्षेत्रों में लटकी है बोतलें

शहर की पॉश कॉलोनी शांति-कुंज, मनुमार्ग, स्कीम नंबर 4, पंचवटी कॉलोनी सहित नयाबास के आसपास के क्षेत्र में लोगों ने श्वानों से बचाव के लिए घरों के बाहर नीले या लाल रंग का पानी भरी बोतलें लटका रखी है। इसके अलावा दिल्ली दरवाजा के आसपास का क्षेत्र, मोहल्ला होली ऊपर और मेहताब सिंह का नोहरा सहित कई पुराने मोहल्लों में भी लोग श्वानों से बचाव के लिए यह टोटका अपना रहे हैं।

सामान्य श्वान नीले रंग से डरता है, इसलिए ज्यादातर लोग बोतल में नीला पानी भरकर गेट के बाहर लगाते हैं। इससे श्वान घर के आस-पास नहीं आता। पागल श्वान को पानी लाल नजर आता है। अलवर सहित दूसरे शहरों में इस तरह के प्रयोग ज्यादातर कॉलोनियों में हो रहे हैं। - डॉ. राजीव मित्तल, वरिष्ठ पशु चिकित्सक, पशुपालन विभाग, अलवर

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