सोनोग्राफी के लिए प्रसूताओं को तीन से चार घंटे लाइन में लगना पड़ता है। इसमें प्रसूताओं को खासी परेशानी होती है। मजबूरी में प्रसूताओं को लाइन में बैठना पड़ता है। इसी तरह का नजारा गुरुवार को अस्पताल में देखने को मिला। सोनोग्राफी कक्ष से बाहर गेट तक सोनोग्राफी कराने के लिए प्रसूताओं की लम्बी कतार लगी हुई थी। प्रसूताओं ने कहा कि प्रतिदिन इसी तरह के हालात रहते हैं। लेकिन इस तरफ अस्पताल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। अस्पताल प्रशासन को टोकन सिस्टम व अन्य तकनीक अपनानी चाहिए। जिससे प्रसूताओं को थोड़ी राहत मिल सके।
निकाला जाएगा समाधान पहले टोकन सिस्टम शुरू किया गया था। लेकिन प्रसूताओं फिर भी लाइन में लगती है, उसका विरोध किया गया। इस समस्या का कोई समाधान निकाला जाएगा।
डॉ. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर
निजी अस्पतालों में नहीं मिला इलाज अलवर. सडक़ हादसे में हाथ में फैक्चर होने पर उमरैण निवासी अजय (20) शहर के शहर के कई प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए गया लेकिन उसका किसी ने इलाज नहीं किया। अंत में परेशान अजय शुक्रवार को सामान्य अस्पताल में पहुंचा। वहां हड्डी विभाग के डॉ. महेश वशिष्ठ ने अजय के हाथ में प्लास्टर किया। उसके हाथ की अंगूली टूट गई थी। डॉ. महेश ने बताया कि अजय को शनिवार को भी बुलाया गया है।