
Ambikapur Railway station
अंबिकापुर. सरगुजा में आज के समय की जरूरत अंबिकापुर से रेनूकुट व कोरबा को रेल मार्ग (Rail line) से जोडऩे की है। अम्बिकापुर को रेनूकुट से जोडऩे के लिए 3 सर्वेक्षण कार्य अपनी पूर्णता की ओर हैं। जबकि अम्बिकापुर को बरवाडीह से जोडऩे का प्रस्ताव काफी समय से लंबित व खर्चीला है और कोई विशेष लाभ भी नहीं।
वहीं अंबिकापुर से रेनुकूट व कोरबा को रेल मार्ग (Rail line) को लेकर सोशल मीडिया पर भी व्यापक अभियान चल रहा है, इससे काफी लोग जुडक़र इस रेल लाइन के समर्थन में जनप्रतिनिधियों व रेलवे से मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अब बरवाडीह से चोपन-सिंगरौली व्यवहारिक होते हुए जबलपुर तक रेल लाइन बन जाने के कारण इससे भी कम दूरी का वैकल्पिक रेलमार्ग उपलब्ध हो चुका है। साथ ही अब क्षेत्र की राजधानी रायपुर है और आवश्यकताओं का केंद्र भी।
वर्ष 2017 में रेल मंत्रालय ने भी बरवाडीह रेल परियोजना की अर्थ क्षमता व व्यवहारिकता के आंकलन के लिए परामर्श ठेका आबंटित किया था जिसमें मामला अत्यधिक लागत व सर्वे रिपोर्ट में जाकर अटक गया है। वहीं कोरबा से रेनुकूट-अम्बिकापुर रेल लाइन विस्तार सरगुजा समेत छत्तीसगढ़ व पड़ोसी राज्यों के लिए वरदान साबित होगा।
रेल लाइन से देश व प्रदेश की राजधानी समेत उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, ओडिश, महाराष्ट्र तक सीधे रेलमार्ग (Rail line) द्वारा पहुंच होगी।
अम्बिकापुर से रेनुकूट चोपन होते हुए प्रयागराज, इलाहबाद व बनारस से उत्तर भारत व राजधानी दिल्ली के मुख्य मार्ग से जुड़ाव के साथ ही बनारस होते हुए पटना, बिहार व पूर्वोत्तर भारत तथा रेनुकूट से गढ़वा, झारखंड व सिंगरौली मध्यप्रदेश राज्य की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग से सीधे पहुंचे हो जाएगी।
दूसरी ओर कोरबा होते हुए बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग मुख्य रेल मार्ग से ओडिशा, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत तक सीधे पहुंच होगी। इस क्षेत्र में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा है जिनमें श्रमिक, नौकरी पेशा, व्यवसायी, पर्यटक समेत कई दशकों से रह रहे लोग शामिल हैं।
स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार के लिए फायदेमंद
सरगुजा संभाग में उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव है। ऐसे में यह रेलवे लाइन क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। कुछ ही घंटों की दुरी पर एम्स, बीएचयू, अपोलो, पीजीआई की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
तकनीकी व स्वास्थ्य शिक्षा, कानून व सिविल सेवा की तैयारी वाले उच्च शिक्षा के केंद्र दिल्ली, बनारस, इलाहबाद, पटना, रायपुर, बिलासपुर, भिलाई समेत उत्तर व दक्षिण भारत के प्रमुख शिक्षा केन्द्रों तक कम समय में आसान पहुंच हो जाएगी। वहीं उत्तर छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक खनिज कोयला व बाक्साइट मौजूद हैं।
सरगुजा , सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर, जशपुर, कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़ से बड़ी मात्रा में देश के विभिन्न औद्योगिक केंद्र व प्लांट में यहां से खनिज सडक़ मार्ग द्वारा भेजा जाता है, रेलवे विस्तार होने से कम खर्च व समय में परिवहन होगा। ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व पर्यटन केंद्रों का भी जुड़ाव होगा।
सोशल मीडिया पर चल रहा अभियान
अंबिकापुर से रेनूकुट व कोरबा को रेल मार्ग की मांग को लेकर ‘सरगुजा मांगे रेल विस्तार’ सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। सरगुजा अंचल के बड़ी संख्या में लोग इस अभियान से जुडक़र जनप्रतिनिधियों व केंद्र सरकार से इस रेल लाइन की मांग कर रहे हैं।
कोरोना काल के कारण भले ही अभी सडक़ों पर लोग इस मांग को लेकर न उतरे हों, लेकिन जैसे ही स्थितियां सामान्य होंगी, इस मांग को लेकर सडक़ से लेकर संसद तक सरगुजा के लोगों की आवाज उठती नजर आएगी।
रेलवे के तीन सर्वेक्षण जारी
1. भटगांव-प्रतापपुर-वाड्रफनगर-रेनुकूट के बीच नई रेल लाइन
2. कोरबा से रेनुकूट व्हाया अम्बिकापुर नई रेल लाइन
3. अम्बिकापुर से म्योरपुर-चोपन को दिल्ली मेन रेल लाइन से जोडऩे नई रेल लाइन
Published on:
29 Aug 2020 09:42 pm
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