
Mainpat Government land
सीतापुर. Big land scam: मैनपाट में 1 हजार एकड़ शासकीय जमीन का घोटाला (Big land scam) कर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगाने वाले समिति के कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। समिति कर्मचारी पर अपने एवं परिवार समेत नाबालिगों के नाम फर्जी तरीके से हजारों एकड़ बेशकीमती शासकीय जमीन दर्ज कराने, फर्जी जमीन की आड़ में करोडों रुपये की धान की बिक्री करने व बैंकों से 100 करोड़ रुपए कर्ज लेने का आरोप जनप्रतिनिधि समेत ग्रामीणों ने लगाया था। जांच में मामला सही पाए जाने पर प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की गई है। वहीं जमीन घोटाले में साथ लेने वाले राजस्व अमले व धान खरीदी केंद्र प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग क्षेत्र के लोग कर रहे हैं।
हम आपको बता दें कि धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर में पदस्थ लिपिक नर्मदापुर निवासी मोहन यादव पिता झौडी यादव ने राजस्व अमले की मिलीभगत से मैनपाट में लगभग 1 हजार एकड़ का जमीन घोटाला (Big land scam) किया था।
उसने मैनपाट के कंडराजा, बरिमा, नर्मदापुर एवं उरंगा में स्थित हजारों एकड़ शासकीय जमीन अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों समेत नाबालिगों के नाम दर्ज करा इस घोटाले को अंजाम दिया था। मोहन यादव ने सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा 1990 में शासकीय भूमि पर कराए गए वृक्षारोपण को भी अपने नाम करा लिया था।
इसमें आज भी लाखों पेड़ मौजूद हैं। जमीन घोटाले (Big land scam) में तात्कालीन राजस्व अमला समेत समिति प्रबंधक ने मुख्य भूमिका निभाई थी। यह इस बात से समझा जा सकता है कि मोहन यादव बिना धान की खेती किए हजारों एकड़ फर्जी जमीन की आड़ में धान खपाने लगा।
धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर का कर्मचारी होने के कारण मोहन यादव बड़ी आसानी से इस फर्जीवाड़े को अंजाम देता था। वह लाखों रुपए के धान फर्जी तरीके (Big land scam) से कागजों में खपाया करता था। इस मामले में धान खरीदी केंद्र प्रभारी का भी मोहन यादव को पूरा संरक्षण प्राप्त था। अपने संरक्षण में इस फर्जीवाड़े को भरपूर फलने फूलने दिया।
इस वजह से समिति का एक अदना सा कर्मचारी पूरे प्रशासनिक अमले की आंखों मे धूल झोंक सरकार को करोड़ों की चपत लगा दी। इसके अलावा समिति कर्मचारी मोहन यादव ने हजारों एकड़ जमीन घोटाले की आड़ में विभिन्न बैंकों से सौ करोड़ों रुपए का ऋण अपने परिवार के नाम से ले चुका है।
हजारों एकड़ जमीन घोटाले (Land scam in Mainpat) का भंडाफोड़ होने की वजह से उसके कदम थम गए, वरना वह शासन को और चपत लगाता रहता। जमीन घोटाले में ग्राम पंचायत उरंगा एवं बरिमा के सरपंच समेत ग्रामीणों ने साल भर पहले जमीन घोटाले की जांच की मांग करते हुए जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।
ज्ञापन में उन्होंने मोहन यादव पर अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों समेत नाबालिगों के नाम सरकारी जमीन फर्जी तरीके से दर्ज कराने का आरोप लगाया था। इसके अलावा इस घोटाले में संलिप्त तत्कालीन राजस्व अमला समेत खरीदी केंद्र प्रभारी पर भी आरोप लगा जांच की मांग की थी।
लंबी जांच के बाद प्रशासन ने जमीन घोटाले (Big land scam) के आरोपी समिति कर्मचारी मोहन यादव को बर्खास्त कर दिया है। अब मोहन यादव के अलावा तत्कालीन राजस्व अमले के विरुद्ध जांच समेत धान खरीदी केंद्र प्रभारी को भी बर्खास्त करने की मांग उठने लगी है। इस मामले की जांच अभी जारी है।
इस संबंध में एसडीएम रवि राही ने बताया कि सरपंच एवं ग्रामीणों द्वारा जमीन घोटाले (Big land scam) को लेकर जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर समिति कर्मचारी मोहन यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। अभी इस मामले की जांच प्रकिया जारी है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन सब के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
08 Oct 2024 03:02 pm
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