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इस गांव के बाहर गाड़ा बोर्ड, लिखा- हम सब करेेंगे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार

सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दी जानकारी

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Board

Board outside of village

अंबिकापुर. सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नानदमाली के ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव के बहिष्कार किए जाने का निर्णय लिया है।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव की समस्याओं से विधायक को भी अवगत कराया गया था, लेकिन उनके द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गई। ग्रामीणों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखने के साथ ही गांव के बाहर मतदान के बहिष्कार करने का बोर्ड भी लगा दिया है।


सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नानदमाली के ग्रामीणों ने राज्य निर्वाचन आयोग व जिला निर्वाचन कार्यालय को पत्र लिखकर गांव की समस्या से अवगत कराते हुए विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की जानकारी दी है।

ग्रामीणों ने इस संबंध में पत्र लिखकर निर्वाचन आयोग को जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में फसलों की सिंचाई हेतु कई वर्षों से सत्ता पक्ष व विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी गई। लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्वीकृत स्टाप डेम हाथी दंड का निर्माण कार्य वर्तमान सरकार द्वारा सही रूप से नहीं कराया गया और राशि का दुरूपयोग किया गया।

इसकी वजह से स्टाप डेम में पानी नहीं होने से खेतों में सिंचाई लिए किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में स्थानीय विधायक को निर्माण संबंधित समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार से साठ-गांठ होने की वजह से उनके द्वारा निर्माण कार्य पर ध्यान नहीं दिया गया।

नानदमाली से बकरलोटा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पुल निर्माण में ध्यान नहीं दिया गया। सहकारी समिति कर्रा के नानदमाली, बड़ादमाली तथा दरिमा में स्थानांतरण होने के बाद खाली पड़े पद की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।

ग्रामीणों ने बताया कि विगत २० वर्षों से खेल का मैदान एवं मिनी स्टेडियम के लिए किसी भी राजनीतिक दल के कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। इन सभी समस्याओं को लेकर मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।


पार्टी विशेष के प्रतिनिधियों से नाराज हैं ग्रामीण
गांव के भू-नक्शा संबंधित समस्या पर भी जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से ग्रामीण काफी आक्रोशित थे। ग्रामीण जनप्रतिनिधियों एवं पार्टी विशेष व्यक्तियों से असंतुष्ट हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अपने अमूल्य मतदान से चुने गये जनप्रतिनिधियों द्वारा उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है और न ही उनके हित में काम किया जाता है।


मतदान जागरूकता अभियान को लगा धक्का
एक तरफ जिला प्रशासन विधानसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान कराने के लिए मेहनत कर रहा है। वहीं ग्रामीणों द्वारा मतदान के बहिष्कार किए जाने से संबंधित बोर्ड गांव की सीमा पर लगा दिया जाना, अभियान को धक्का है। ग्रामीणों में बोर्ड में लिखा है कि 'बहुत हो चुका आश्वासन अब तो मांग पूरी करो प्रशासन' समस्या का हल नहीं तो, मतदान नहीं।