
CG Land Scam: सरगुजा के तत्कालीन कलेक्टर आईएएस संजीव झा के बाद अब सूरजपुर की तत्कालीन कलेक्टर इफ्फत आरा भी पुनर्वास की भूमि का गलत ढंग से बिक्री हेतु अनुमति देने के मामले में फंस गईं हैं। पीएमओ में हुई शिकायत के बाद भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इफ्फत आरा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता डीके सोनी द्वारा सूरजपुर की तत्कालीन कलेक्टर इफ्फत आरा के खिलाफ 20 मार्च 2024 को पीएमओ में दस्तावेजों सहित शिकायत की गई थी। इसमें उल्लेख किया गया था कि पक्षकार लक्ष्मी देवी प्रति बनिया देवीनाथ कुल 5 डिसमिल पुनर्वास की भूमि को भू बिचौलियों से सांठगांठ करते हुए तत्कालीन कलेक्टर इफ्फत आरा द्वारा बेचने की अनुमति दे दी गई। इसके एवज में लाखों रुपए प्रति डिसमिल की दर से राशि ली गई और पुनर्वास की भूमि के बिक्री की अनुमति दी गई।
इसके अलावा राजस्व प्रकरण लक्ष्मी देवी प्रति कृष्णा सरकार व अन्य, पुष्पा प्रति अभिजीत सिंह व अन्य सहित अन्य कई प्रकरणों में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा भू बिचौलियों से सांठगांठ कर पुनर्वास भूमि की बिक्री करने की अनुमति दे दी गई। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कुल 31 प्रकरणों में बिना किसी दस्तावेजों की जांच के ही अनुमति दे दी गई है। यहां तक की क्रेता व विक्रेता के हस्ताक्षर भी अपने समक्ष सुनवाई में कलेक्टर द्वारा नहीं कराए गए। वहीं जब तत्कालीन कलेक्टर इफ्फत आरा का स्थानांतरण भी हो गया, इसके बाद उनके द्वारा बैक डेट में कई प्रकरणों में अनुमति दी गई। इससे उन्हें प्रति डिसमिल लाखों का लाभ हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता डीके सोनी द्वारा आरोप लगाया गया है कि भूमि अनुमति के मामले में पूर्व कलेक्टर के लिए कुछ लोगों ने बिचौलियों की भूमिका अदा कर क्रेता एवं विक्रेताओं से वसूली कर उन तक पहुंचाई है। इसमें सूरजपुर जिले के ग्राम भंवराही निवासी एक व्यक्ति तथा एक क्लर्क भी शामिल है। इनके माध्यम से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली हुई है। भंवराही निवासी बिचौलिए द्वारा आदिवासी महिला के नाम पर भी जमीन ली गई है, इसकी भी जांच कराने की मांग की गई है।
सूरजपुर की पूर्व कलेक्टर इफ्फत आरा के विरुद्ध पीएमओ को संपूर्ण दस्तावेज के साथ शिकायत की गई थी। इस पर 1 मई 2024 को भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रुपेश कुमार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजते हुए जांच करने हेतु लिखा गया है। इसके अलावा डीके सोनी द्वारा 21 मार्च 2024 को इस मामले की शिकायत पुलिस महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर के समक्ष भी की गई थी। इसकी भी जांच लंबित है।
सरगुजा के तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा के खिलाफ भी भारत सरकार के लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रुपेश कुमार ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए थे। उन्होंने भी सरगुजा में अपने कार्यकाल के दौरान बंगलादेशी शरणार्थियों के पुनर्वास पट्टे की भूमि को विक्रय करने के लिए एक ही दिन में कई अनुमति आदेश जारी कर दिए थे। शिकायत आवेदन अनुसार संजीव झा द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 93/अ-21/21-22 में आवेदक कदम मंडल पति स्व. अमूल्य मंडल निवासी सुभाषनगर की पुनर्वास पट्टे की भूमि खसरा नंबर 223/12 में 0.400 हेक्टेयर है।
इस भूमि को अनावेदक राहुल गर्ग व अन्य के पास 21 लाख रुपए में बिक्री करने का सौदा तय कर अनुमति हेतु आवेदन कलेक्टर सरगुजा के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। आवेदन प्रस्तुत करने के महज 15 दिन के भीतर ही तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा द्वारा भू बिचौलियों से लाखों रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब की दर से अवैध तरीके से राशि ली गई और पुनर्वास भूमि बिक्री हेतु आदेश पारित कर दिया गया इसके अलावा तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा ने 19 अन्य लोगों की पुनर्वास पट्टे की भूमि की बिक्री की भू बिचौलियों से सांठगांठ कर वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में अनुमति दे दी थी।
Updated on:
14 Jun 2024 07:53 am
Published on:
13 Jun 2024 11:13 am
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