इसके बाद से उसके घर का दरवाजा नहीं खुला था और वह नहीं दिख रही थी। संदेह होने पर लोगों ने २३ मई की रात 10 बजे जब दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खुलने पर उसके मोबाइल पर फोन लगाया, रिंग तो जा रहा था पर वह रिसीव नहीं कर रही थी।
संदेह होने पर इसकी जानकारी मणिपुर चौकी पुलिस को दी गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खोल कर अंदर जाकर देखी तो घर के बाथरूम में फांसी पर उसका शव लटका हुआ था।
जानकारी के अनुसार 26 वर्षीय अलका महानंदी पिता स्व बसंतलाल महानंदी सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम रजपुरी की रहने वाली थी। उसके माता-पिता की मौत पूर्व में ही हो गई है। बड़ी बहन बलरामपुर जिले में आरक्षक है जो शादी कर अपने पति के साथ रहती है।
इसके बाद से अलका अंबिकापुर में भ_ापारा में किराए के घर में रहकर किसी दुकान में काम करती थी। उसके साथ कमरे में एक सहेली भी रहती थी, जो लॉकडाउन में अपने घर चली गई है। इसके बाद से अलका महानंदी अकेली रहती थी और बीमारी से भी परेशान थी। वह शरीर से दिव्यांग भी थी।
इससे लेकर वह काफी परेशान रहती थी। आस-पास के लोगों ने उसे 22 मई की शाम को देखा था। इसके बाद से वह नजर नहीं आ रही थी और उसका घर भी बंद था। २३ मार्च की रात को पड़ोसियों को चिंता होने पर उसके घर का दरवाजा खटखटाया और उसके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की।
इसके बाद लोगों ने इसकी जानकारी मणिपुर चौकी पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खोलकर अंदर गई तो अलका की लाश बाथरूम में फांसी पर झूल रही थी।
बड़ी बहन को सौंपा गया शव
पुलिस ने घटना की जानकारी मृतिका की बड़ी बहन को दी, जो बलरामपुर में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। पीएम कराने के बाद पुलिस ने उसकी बड़ी बहन को शव सौंप दिया है। इस मामले में पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
बड़ी बहन को सौंपा गया शव
पुलिस ने घटना की जानकारी मृतिका की बड़ी बहन को दी, जो बलरामपुर में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। पीएम कराने के बाद पुलिस ने उसकी बड़ी बहन को शव सौंप दिया है। इस मामले में पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।