अंबिकापुर/बतौली. मानसून समय पर आने व सक्रिय रहने के कारण जिले में खेती बाड़ी का काम जोरों पर है। धान लगाने के लिए किसानों ने खेतों में महनत करनी शुरू कर दी है। वहीं जिले में खाद की किल्लत बनी हुई है। आवश्यकता के अनुसार समय पर खाद नहीं मिलने से जिले के किसान आक्रोशित हैं। इसी क्रम में सोमवार को बतौली ब्लॉक के सेदम सहकारी समिति में खाद नहीं मिलने से किसानों ने एनएच-43 पर सांकेतिक चक्काजाम (Farmers protest) कर दिया। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी करते हुए खाद उपलब्ध कराए जाने की मांग की।
गौरतलब है क इस वर्ष बारिश की स्थिति अच्छी है। इसलिए किसानों में विशेष उत्साह है। वहीं कृषि विभाग द्वारा जिले मे लगभग 1 लाख हेक्टेयर में धान लगाने का टारगेट (Farmers protest) है। खाद की बात करें तो जिले में 38500 टन की आवश्यकता है। जबकि 20 जून की स्थिति में भंडारण 26832 टन किया गया है।
खरीफ फसल के लिए डीएपी खाद की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। डीएपी खाद का लक्ष्य जिले में 8200 टन है। जबकि भंडारण 5805 टन ही किया गया है। इस स्थिति में किसानों (Farmers protest) को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
किसान (Farmers protest) खाद के लिए सोसायटी का चक्कर काट रहे हैं। सुबह से लाइन लगने के बाद भी समिति द्वारा खाद नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में किसान सहकारी समिति सेदम खाद के लिए पहुंचे थे। किसान अपनी ऋण पुस्तिका लेकर खाद के लिए लाइन में लगे रहे।
जब किसानों की बारी आई तो पता चला कि सोसायटी में खाद नहीं है। इससे किसान आक्रोशित हो गए। किसानों ने सोसायटी के बाहर एनएच पर प्रदर्शन (Farmers protest) शुरू कर दिया। सूचना पर तहसीलदार व बतौली थाना प्रभारी सीपी तिवारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तहसीलदार की समझाइश के बाद किसानों ने चक्काजाम समाप्त किया।
किसानों का कहना है कि हम कम मात्रा में खाद क्यों लें, हर साल किसानों को ऐसे ही ठगा जाता है। इस बार ऐसा नहीं होने देंगे। इधर समिति प्रबंधक को सूचना (Farmers protest) मिली कि किसान एनएच-43 पर सांकेतिक जाम कर रहे हैं तो उन्होंने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। इसके बाद किसानों को अवगत कराया गया कि जल्द खाद उपलब्ध कराया जाएगा।
जिले में खाद का लक्ष्य 38500 टन का है। इसमें डीएपी का लक्ष्य 8200 टन है। अब तक भंडारण 26832.19 टन किया गया है। वहीं डीएपी का भंडारण 5805.75 टन है।
वितरण 20018.22 जबकि डीएपी 4787 टन किया गया है। अब शेष 6813.97 टन है। डीएपी 1018.75 टन शेष है। कृषि विभाग (Farmers protest) का यह आंकड़ा 20 जून की स्थिति में है। इसमें सहकारी समितियां व निजी दुकान दोनों शामिल हैं।
Updated on:
24 Jun 2025 04:48 pm
Published on:
24 Jun 2025 04:45 pm