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मासूम का मरच्यूरी में पड़ा था शव, मौत की खबर से बेखबर मां-बाप करते रहे लाल का इंतजार

पिता को नहीं मालूम था कि उसके बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा, उसे तो बस इतना ही मालूम था कि चल रहा है इलाज

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Dead body

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अंबिकापुर. जब पिता को पता चलेगा कि अब उसका मासूम बेटा इस दुनिया में नहीं रहा जिसकी जिंदगी बचाने वह भगवान से दुआ कर रहा था। उसके दिल पर क्या गुजरेगी, यह बताना मुश्किल है। ऐसा ही कुछ नजारा मिशन अस्पताल में शनिवार की दोपहर देखने को मिला। बारात से लौटते समय बोलेरो के पलटने से 3 बच्चों की मौत हो गई। 2 बच्चों ने अस्पताल में दम तोड़ा।

इनमें से एक के पिता को तो पता था कि अब उसका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा लेकिन दशरथ वनवासी को यह पता नहीं था। वह तो यही सोच रहा था कि उसके बेटे रोहित 10 वर्ष का इलाज अभी चल रहा है। जबकि उसके बेटे का शव मरच्यूरी में ले जाया गया था।

उससे जब पूछा गया तो उसने इतना ही बताया कि पता नहीं बाबू, मेरा बेटा अब कैसा है। इधर अस्पताल प्रबंधन व पुलिस ने तत्काल उसे इसलिए ये बात नहीं बताई थी कि वह शॉक्ड रह जाएगा।


गौरतलब है कि दरिमा थानांर्गत ग्राम कतकालो से शुक्रवार को प्रतापपुर विकासखंड के भैंसामुंडा से लगे ग्राम दरहोरा में बारात गई थी। बारात में शामिल होने दूल्हे के परिवार सहित गांव के 10 बच्चे व एक बुजुर्ग बोलेरो क्रमांक सीजी 15 बी-4186 में सवार होकर गए थे।

शादी के बाद शनिवार की सुबह बच्चों को लेकर बोलेरो वापस लौट रही थी। बताया जा रहा है कि ड्राइवर काफी तेज गति से बोलेरो दौड़ा रहा था। बोलेरो जैसे ही अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर स्थित तुलसी नाला के पास सुबह 11 बजे पहुंची कि पिछला पहिया अचानक निकलकर बाहर आ गया।

इससे बोलेरो अनियंत्रित होकर 3 बार पलटकर सीधी खड़ी हो गई। हादसे में बोलेरो में सवार ग्राम कतकालो निवासी अर्जुन राजवाड़े पिता संजय 15 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि ड्राइवर व बुजुर्ग सहित 9 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। वहां से गुजर रहे राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही लटोरी चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को संजीवनी 108 से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। यहां 5 बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मिशन अस्पताल रेफर कर दिया गया।

यहां इलाज के दौरान रोहित कुमार वनवासी पिता दशरथ 10 वर्ष तथा किशन राजवाड़े पिता संतोष 10 वर्ष ने दम तोड़ दिया। जबकि आयुष 14 वर्ष, पिंकू 11 वर्ष, रवि 10 वर्ष, ड्राइवर शिवचरण 40 वर्ष व सिमन राजवाड़े 66 वर्ष का इलाज यहां जारी है।