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हॉस्टल बना इन बड़े ऑफिसरों की अय्याशी का अड्डा, खिड़कियों पर सजाकर रखते हैं शराब की बोतलें

नवनिर्मित भवन में शिक्षा अधिकारी, एसडीएम, डिप्टी कलक्टर, इंजीनियर, सब इंजीनियर सहित कई बड़े अधिकारी-कर्मचारी रहते हैं यहां

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सूरजपुर. शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों की आवासीय सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से नगर के छठ घाट के समीप शासन द्वारा बनाया गया ट्रांजिट हॉस्टल अब अय्याशी का अड्डा बन गया है। हॉस्टल की खिड़कियों और खिड़की के बाहर लगे शराब की बोतलों के अम्बार और धूम्रपान पश्चात् फेंके गये सिगरेट के टुकड़ों को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि निवासरत अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा यहां किस स्तर पर शराबखोरी की जाती होगी।

गौरतलब है कि नगर के उत्तरी रिंग रोड में छठ घाट के समीप मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कराया गया है। इस ट्रांजिट हॉस्टल में वर्तमान में 12 से 15 अधिकारी व कर्मचारी निवासरत हैं।

हॉस्टल के पीछे बड़ी संख्या में पड़ी शराब की बोतलें, सिगरेट के टुकड़े व कई प्रकार के मेडिकल सामग्रियों के पैकेटों को देखकर ट्रांजिट हास्टल के हालातों का अंदाजा कोई भी लगा सकता है। दिलचस्प बात तो यह है कि इस हास्टल में रहने वाले शराब के शौकीन अधिकारी-कर्मचारियों ने बोतलों को बाकायदा सजाकर रखा है।

खिड़कियों के सहारे सजाकर रखी गई शराब की इन बोतलों को देखकर ऐसा लगता है कि यह शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को आवासीय सुविधा प्रदान करने वाला हॉस्टल नहीं बल्कि किसी होटल या बार का दृश्य होगा।


जिले के प्रमुख अधिकारियों के आवास हैं यहां
नवनिर्मित ट्रांजिट हॉस्टल में शिक्षा अधिकारी, एसडीएम, डिप्टी कलक्टर, इंजीनियर, सब इंजीनियर सहित जिले के कई बड़े अधिकारी-कर्मचारी रहते हैं। इन जिम्मेदार अधिकारियों को देखकर तो नहीं लगता कि हॉस्टल में शराबखोरी जैसे कृत्य होते होंगे, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों के ठिकानों पर अगर यह सब हो रहा है तो फिर ऐसे अधिकारी, कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र में नशाखोरी रोकने किस तरह काम करते होंगे।

खबर यह भी है कि शराब के बोतलों का जो अंबार है उसमें यहां निवासरत आला अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी रोज शाम को ऑफिस की थकान व गम को इस जाम से दूर करते हैं।


अवैध कारोबार पर नहीं लग रहा अंकुश
ट्रांजिट हॉस्टल कोई ऐसा पहला स्थान नहीं है जहां ऐसे हालात हैं। नगर के बस स्टैण्ड, स्टेडियम, कॉलेज ग्राउण्ड और नवनिर्मित रिंग रोड पर भी शराब व नशाखोरी का सुरक्षित अड्डा है। नगर में नशीले व अवैध दवाओं के साथ शराब व गांजा का बड़ा व्यवसाय फल-फूल रहा है, जिस पर पुलिस नकेल कसने में अब तक सफल नहीं हो सकी है।

जिले में आए दिन अवैध कारोबार तथा नशीले पदार्थों के खरीद-बिक्री की खबरें मिलती रही हैं। युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण चोरी और अन्य आर्थिक अपराधों की घटनाएं बढ़ती जा रही है।


जांच कराकर की जाएगी कार्रवाई
ऐसी जानकारी नहीं है, हॉस्टल में तो चार-छह लोग ही नियमित रूप से रहते हैं। इस मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
केसी देवसेनापति, कलक्टर, सूरजपुर


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