वाड्रफनगर चौकी अंतर्गत ग्राम हरिगवां निवासी रामकेश्वर खेरवार पिता रामसुंदर खेरवार 30 वर्ष अपने ससुराल ग्राम मढऩा में घर बनाकर पत्नी व 3 बच्चों के साथ रहता था। वह मजदूरी कर परिवार को पालन-पोषण कर रहा था। पूर्व में वह दो बार अहमदाबाद में हाई स्पीड रेल के प्रोजेक्ट में काम कर चुका था।
सुपरवाइजर ने दर्ज कराई रिपोर्ट
खेड़ा जिले के एसपी ने बताया कि रामकेश्वर के मौत की रिपोर्ट सुपरवाइजर मनीष ने थाने में दर्ज कराई। रामकेश्वर सुधा-वंसोल गांव में कैसे पहुंचा, यह पता नहीं चल सका है। क्षेत्र में घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि चोर होने के शक पर उसकी पिटाई की गई थी।
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि सुधा वंसोल गांव के लोगों ने उससे गुजराती भाषा में उससे पूछताछ की थी, भाषा समझ नहीं आने के कारण वह न तो समझ पाया और न ही जवाब दे पाया। ऐसे में चोर समझकर उसे पीट-पीटकर भीड़ ने मार डाला। पुलिस ने बताया कि इस घटना के 1 दिन पूर्व ही नेपाल के एक व्यक्ति को मार डाला गया था।
शव लेने परिजन रवाना
खेड़ा पुलिस की सूचना पर मृतक रामकेश्वर के पिता, उसकी पत्नी के भाई व गांव का ही एक युवक उसका शव लेने अहमदाबाद रवाना हो गए हैं। पत्रिका ने जब उसके परिजनों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस उनके साथ शव लेने नहीं गई है।
परिजन पहले ही हो गए थे रवाना
गुजरात पुलिस ने मंगलवार को रामकेश्वर की हत्या (Murder) की सूचना दी थी। मैंने एसएचओ को बताया था। एक दिन पूर्व ही उसके परिजन शव लेने निकल चुके थे। जब उनसे बातचीत की गई तो वे रायपुर पहुंच चुके थे। ऐसे में पुलिस उनके साथ नहीं जा पाई।
विनोद पासवान, चौकी प्रभारी वाड्रफनगर