जब वह वापस लौटी तो बेटा लुढ़क कर चुल्हे की आग से गंभीर रूप से झुलस गया था। यह देख मां के होश उड़ गए। आनन-फानन में मासूम को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान चंद घंटे में ही उसकी सांसें रुक गईं। हादसे में बेटा खो देने के गम में माता-पिता सदमे में हैं।
मैनपाट के कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम केसरा निवासी फुन्दूर मांझी अपनी पत्नी सुखन्ती बाई के साथ रहता है। दोनों का 4 माह का मासूम बेटा भी था। रविवार की शाम पत्नी ने लकड़ी के चुल्हे पर खाना बनाया। इस दौरान उसने अपने दूधमुंहे बेटे को चुल्हे से थोड़ी दूर ही जमीन पर लिटाया था।
खाना बनाने के बाद वह बेटे को वहीं छोड़कर घर से बाहर हैंडपंप पर पानी भरने चली गई। जब वह लौटी तो मासूम जोर-जोर से रो रहा था। फिर उसने देखा तो बेटा लुढ़क कर चुल्हे के पास पहुंच गया था। चुल्हे की आंच से वह गंभीर रूप से झुलस गया था। यह देखते ही महिला के होश उड़ गए। उसने तत्काल इसकी जानकारी अपने पति को दी।
इसके बाद पति-पत्नी मासूम बेटे को लेकर कमलेश्वरपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। आनन-फानन में मासूम को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान रविवार की ही देर रात मासूम की मौत हो गई।
माता-पिता सदमे में
मासूम बेटे की मौत से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वे गोद में लेकर अपने बेटे को लेकर खुद को कोसते रहे। मासूम के इस दुनिया से चले जाने से दोनों सदमे में हैं।