
हाईकोर्ट (photo-patrika)
अंबिकापुर. मां की नृशंस हत्या के मामले में न्यायालय ने आरोपी बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने १ वर्ष पूर्व हसिये से सिर में वार कर व पत्थर से कुचलकर मां की हत्या (Murder case) कर दी थी। मां ने उसे यही कहा था कि कोई काम धंधा भी नहीं करते और बेटे को भी मार डाले हो। यहां से निकल जाओ। इतना सुनते ही कलयुगी बेटे ने मां को मार डाला।
सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उदारी फटहामुड़ा निवासी महिला परसमील घासी का बेटा बहादुर घासी उर्फ बहादुर कुछ काम नहीं करता था। 24 अगस्त 2024 की रात करीब 10 बजे वह अपने बेटे बहादुर घासी को डांट फटकार करते हुए कहा कि कुछ काम नहीं करते हो और अपने लडक़े को मार (Murder case) दिए हो, यहां से चले जाओ।
इस बात से बहादुर नाराज हो गया और अपने घर से हसिया लेकर गया और मां के सिर पर वार कर दिया। इसके बाद उसके सिर को पत्थर पर पटक कर हत्या (Murder case) कर दी। मामले में लुण्ड्रा पुलिस ने आरोपी बेटे को 13 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर दिया था।
मामले (Murder case) की सुनवाई न्यायालय सप्तम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर में चल रही थी। मामले की सुनवाई में न्यायाधीश महेश कुमार राज ने आरोपी को दोष सिद्ध पाए जाने पर धारा 103 (1) के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
एक अन्य मामले (Murder case) में कोर्ट ने धारा 307 के मामले में आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी उत्तम दास पनिका पिता प्रमोद दास उम्र 40 वर्ष निवासी डांड़पारा थाना धौरपुर ने 7 फरवरी 2024 को गांव के ही गोविन्द राम के घर में घुसकर उस पर टांगी से प्राणघातक हमला कर दिया था।
इससे गोविन्द राम गंभीर रूप से घायल हो गया था। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज अतुल श्रीवास्तव ने आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
Published on:
27 Aug 2025 02:05 pm
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