सरगुजा की प्राकृतिक सब्जी पुटू बाजार में आ चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं व पुरुष शहर आकर जगह-जगह इसकी दुकान सजा रहे हैं। बारिश शुरु होने के बाद लोगों को भी पुटू के बाजार में आने का इंतजार रहता है। पुटू को देखते ही लोग इसकी खरीददारी करने में जुट गए हैं।
आलम ये है कि शुरुआती दिनों में पुटू 600 से 800 रुपए प्रतिकिलो बिक रही है। पुटू में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है, यह शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाने के लिए बेहतर है। हर साल ग्रामीण क्षेत्र के लोग इसे जंगल से बीनकर लाते हैं और बाजार में बेचते हैं। सरगुजा का पुटू दूसरे शहरों में भी काफी पसन्द किया जाता है।
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सरगुजा जिले में हर साल बारिश के सीजन में पुटू बहुतायत मात्रा में मिलता है। शुरुआती दिनों में इसके दाम आसमान को छू रहे होते हैं लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है इसकी कीमत कम होती जाती है। लोग बड़े चाव से इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं।
इस संबंध में राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के प्लांट पैथालॉजी विभाग द्वारा बताया गया कि पुटू एक प्रकार का कवक (फंगस) है जो मशरूम के रूप में उपलब्ध है। बारिश प्रारम्भ होने के साथ ही बलुई, जलोढ़ मिट्टी में यह कवक जमीन से निकलने लगता है।
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आयुष चिकित्सक डॉ. एके सिंह का कहना है कि मशरूम (Mushroom) की तरह पुटू का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर है। इसमें हाईप्रोटीन (High Protein) होता है। इसमें अन्य रोगों से लडऩे की क्षमता भी होती है। आने वाले दिनों में यह और आसानी से बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। वहीं जानकारों का कहना है कि एक ही जमीन पर बार-बार पुटू (Putoo) मिलता है।