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Rural garbage cafe: मैनपाट में शुरु हुआ देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफे, कचरा लाने पर मिलेगा नाश्ता और खाना

Rural garbage cafe: मैनपाट के पर्यटन स्थलों पर हर दिन काफी संख्या में आते हैं टूरिस्ट, यहां-वहां प्लास्टिक के पैकेट फेंके जाने से हो जाता है कचरा, स्थानीय प्रशासन ने पहल करते हुए शुरु किया नवाचार

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Rural garbage cafe

Rural garbage cafe inaugurated (Photo- PRO)

अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत रोपाखार में आज देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफे (Rural garbage cafe) शुरू किया गया। यह कैफे स्थानीय स्तर पर प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन सरगुजा, एलआईसी एचएफएल ग्रीन टुमॉरो परियोजना तथा फिनिश सोसायटी की अनूठी पहल है। यहां प्लास्टिक के कचरे से नाश्ता और भोजन मिलेगा, इसके लिए प्लास्टिक वेस्ट का वजन फिक्स किया गया है। इससे लोगों में पर्यटन स्थल को साफ-सुथरा रखने की जागरुकता आएगी।

ग्रामीण गार्बेज कैफे (Rural garbage cafe) का शुभारंभ मैनपाट जनपद पंचायत अध्यक्ष संतोषी पैकरा, उपाध्यक्ष अनिल सिंह, सरपंच, उपसरपंच एवं जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने सामूहिक रूप से किया। कैफे का संचालन कार्ब हट किचन, रोपाखार में किया जाएगा। यहां 1 किलो प्लास्टिक (सफेद प्लास्टिक, पानी की बोतल, एल्युमिनियम केन, कांच की बोतल) देने पर नाश्ता मिलेगा और 2 किलो प्लास्टिक देने पर भोजन की सुविधा उपलब्ध होगी।

संतोषी पैकरा ने कहा कि मैनपाट (Rural garbage cafe) सरगुजा की पहचान है और इसे स्वच्छ व सुघ्घर रखना हम सबका दायित्व है। जिला प्रशासन ने प्लास्टिक कचरे से मुक्ति दिलाने की अभिनव पहल की है, जिसके लिए हम मैनपाट की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हैं।

ग्राम पंचायत रोपाखार के उप सरपंच रजनीश पांडेय ने कहा कि मैनपाट में विविध समुदाय के लोग रहते हैं और यहां लगातार पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में स्वच्छ और सुंदर मैनपाट (Rural garbage cafe) हमारी जिम्मेदारी है, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को स्वच्छ वातावरण मिले और हमारे गांव का नाम रोशन हो।

Rural garbage cafe: कचरा लाओ और खाना पाओ- सीईओ

जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मैनपाट जैसे हिल स्टेशन पर प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण और जागरूकता के लिए ग्रामीण गार्बेज कैफ़े (Rural garbage cafe) का नवाचार किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को ‘कचरा लाओ और खाना पाओ’ जैसी सरल व्यवस्था से स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है।

उन्होंने बताया कि कैफे से संग्रहित प्लास्टिक अपशिष्ट का निपटान जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट में किया जाएगा। यहां स्व-सहायता समूह की महिलाएं इस प्लास्टिक से दाना, रस्सी और कुर्सी जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार करेंगी। इससे न केवल अपशिष्ट प्रबंधन होगा बल्कि महिलाओं की आजीविका के नए अवसर भी सृजित होंगे।

बाजार में की साफ-सफाई

स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा (Rural garbage cafe) अंतर्गत ग्राम पंचायत रोपाखार के साप्ताहिक बाजार परिसर में आज श्रमदान कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, स्वच्छताग्राही, ग्रामीणजन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर बाजार क्षेत्र की सफाई की तथा आसपास फैले प्लास्टिक अपशिष्टों का संग्रहण किया।

कार्यक्रम के दौरान दुकानदारों से अपील की गई कि वे नियमित रूप से यूजऱ चार्ज का भुगतान करें। इससे स्वच्छता दीदियों की आजीविका भी मजबूत होगी, जो गांव-गांव में सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य कर रही हैं। इस दौरान जनपद पंचायत उपाध्यक्ष अनिल सिंह, तिब्बती कॉलोनी सेटलमेंट अधिकारी यंगत्सो, सरपंच रोपाखार सुखु मांझी, कमलेश्वरपुर सरपंच घुरनी सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।


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