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7 साल की कांति के साहस को सलाम, जान की परवाह किए बगैर 3 साल की बहन को हाथियों से बचाया

हाथियों के बगल से गुजरकर घुस गई घर में, फिर सुरक्षित निकाल लाई बाहर, बहादुरी पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया जाएगा नाम

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Kanti

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अंबिकापुर. सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मोहनपुर में गज आतंक के बीच 7 वर्षीय बालिका कांति पैकरा ने अपनी साहस का लोहा मनवाया है। बालिका ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही अपनी 3 साल की बहन को हाथियों से बचा लिया। हाथियों से बचकर भागने के दौरान छोटी बहन घर में छूट गई थी।

इसी दौरान कांति साहस का परिचय देते हुए हाथियों के पास गुजरी और घर में घुसकर बहन को सुरक्षित निकाल लाई। जिस साहस से उसने अपनी बहन की जान बचाई, इसकी सराहना सभी कर रहे हैं। बुधवार को गांव में पहुंचे लखनपुर थाना प्रभारी ने कांति का नाम 15 अगस्त को बहादुरी पुरस्कार की सूची में भेजने की बात कही है।

मंगलवार की रात हाथी वन परिक्षेत्र लखनपुर के ग्राम मांजा से होते हुए उदयपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम मोहनपुर धौरापारा पहुंचे औऱ घरों को तोडऩा शुरु कर दिया। हाथियों ने खोराराम कंवर के घर के सामने का हिस्सा तोड़ते हुए पीछे दरवाजे को तोड़कर बाड़ी में प्रवेश किया और मक्का और अन्य फसल को बर्बाद करने लगे।

हाथियों को देख खोरा राम का परिवार घर के दूसरे रास्ते से बाहर निकलने लगा। हड़बड़ी में परिवार लोग खुद तो निकल गए लेकिन 3 साल की बालिका को बाहर लाना भूल गए। इसी बीच खोरा राम की 7 वर्षीय नातिन कांति अद्म्य साहस का परिचय देते हुए हाथियों के बगल से गुजरी और अपनी ३ वर्षीय बहन को सकुशल घर से निकाल लाई।

भैंस को कुचला
गांव के ही सुखराम कंवर भैंस बांधकर रखा था जिसे हाथियों ने कुचलकर घायल कर दिया। गंझू राम के घर का दरवाजा तोड़कर घर मे रखे सामान को तहस-नहस कर दिया। इसी तरह पिंटू विश्वकर्मा के परछी को तोड़ दिया तथा पानी से बचने के लिए घर मे लगाए गए प्लास्टिक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।


वन विभाग क्षति का कर रहा आंकलन
प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचे भाजपा मंडल अध्यक्ष राधेश्याम सिंह ने सम्बंधित विभागीय लोगों से चर्चा कर तत्काल मुआवजा दिलाने हेतु आवश्यक पहल करने की बात कही। वहीं वन विभाग की टीम ग्रामीणों को हुई क्षति का आंकलन कर रही है। इसी के अनुसार मुआवजा वितरित किया जाएगा।


बहादुरी पुरस्कार के लिए रिकमेंड करेंगे नाम
हाथी प्रभावित ग्राम का दौरा करने पहुंचे थाना प्रभारी लखनपुर एसके केरकेट्टा ने चर्चा के दौरान बताया कि हाथियों के बीच अपनी बहन को सकुशल वापस निकालकर लाने वाली बिटिया कांति के साहस को सलाम है। हर वर्ष 15 अगस्त को अद्म्य साहस के लिए दिए जाने वाले बहादुरी पुरस्कार के लिए बालिका कांति पैकरा का नाम प्रस्तावित कर उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।


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