
CG Sand Mafia: छत्तीसगढ़ की नदियों से रेत का उत्खनन बेखौफ जारी है। बड़े नेताओं के संरक्षण और पुलिस के बड़े अधिकारियों के रहमो-करम पर पल रहे रेत तस्करों को कानून का तनिक भी खौफ नहीं है। स्थानीय लोगों की शिकायत को भी पुलिस नजरअंदाज कर देती है। यही वजह है कि वे सरकारी सिस्टम की हत्या तक करने से तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं।
ग्रामीण की शिकायतों को पुलिस नजरअंदाज कर देती है। बलरामपुर जिले के सनावल थाने में पदस्थ आरक्षक शिवबचन सिंह की 11 मई की रात ट्रैक्टर से कुचलकर की गई हत्या इसका जीता-जागता सबूत है। वारदात को झारखंड के रेत तस्करों ने अंजाम दिया है। यह मामला अभी सुर्खियों में है। हाईकोर्ट ने भी इसे लेकर राज्य सरकार से सवाल किया है।
बलरामपुर व सूरजपुर जिले की नदियों से हर दिन पोकलेन व जेसीबी लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। बलरामपुर की कन्हर नदी, इरिया नदी व पांगन तथा सूरजपुर जिले के रेण नदी से रेत का उत्खनन किया जाता है। रेत की सप्लाई उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश में की जाती है। जिस लिबरा गांव में कन्हर नदी के तट पर प्रधान आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचला गया, वह झारखंड बॉर्डर से लगा हुआ है।
यह घटनास्थल मंत्री रामविचार नेताम के गृहग्राम सनावल से करीब 15 किमी दूर है। झारखंड के संगठित तस्करों के एक गिरोह द्वारा छत्तीसगढ़ की सीमा में कन्हर नदी से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। ये सभी गढ़वा क्षेत्र के धुरकी गांव के आसपास के हैं।
जिस गांव में आरक्षक पर रेत माफियाओं ने गाड़ी चढ़ाई वहां के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत थाने में पहले भी की थी। जानकारी मिली है कि नदी से 10 किमी की दूरी पर अस्थायी डंपिंग यार्ड भी तस्करों ने बना रखा है। छत्तीसगढ़ में 800–1000 रुपए ट्रैक्टर बिकने वाली रेत झारखंड में 7 से 8 हजार रुपए ट्रैक्टर में बिकती है।
गुलाब अंसारी उर्फ गुलाम
जुनैद अंसारी, गुलाब का पार्टनर
जमील अंसारी
रजिबुल अंसारी
हमीनुद्दीन अंसारी
नाजिर
रोहित यादव
शमशाद मोहम्मद
विश्वकर्मा
मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि, "जब कोर्ट ने अवैध खनन रोकने के लिए पहले ही निर्देश दिए हैं, फिर भी ये हालात बेहद चिंताजनक हैं। यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।" कोर्ट ने राज्य के डीजीपी, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
CG Sand Mafia: कोरबा: रेत माफिया हावी नहीं है। बल्कि रेत चोरों का गिरोह सक्रिय है, जो हसदेव सहित अन्य नदियों से रेत चोरी कर शहर में महंगे दाम पर बेचता है।
रायगढ़: महानदी के किनारे बसे पामगढ़, टायंग, मूरा अ, मूरा ब, जबलपुर पंचायत में रेत खनन व परिवहन की अनुमति थी। मौजूदा समय में यहां रेत घाट की नीलामी नहीं हुई है। इसके बाद भी धड़ल्ले से इन घाटों से रेत की अवैध रूप से निकाले जा रहे हैं।
बिलासपुर: शहर के बीच अरपा नदी में भी रेत तस्कर सक्रिय हैं। बिलासपुर कोनी से लेकर तुर्काडीह, लोखड़ी, घूटकू, निरतू, लमेर होते हुए कोटा के दर्जनों क्षेत्रों में इन दिनों दिन और रात अवैध रेत की तस्करी हो रही है।
धमतरी जिले में 13 रेत घाटों में खनन की अनुमति है, लेकिन 30 से अधिक स्थानों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन हो रहा है। रेत माफियाओं की यहां तूती बोलती है। कई खदानों में गुर्गे रखकर बेतहाशा खनन कराया जा रहा है। कुरुद ब्लाक के नारी, मंदरौद, धमतरी ब्लाक के दोनर, दर्री, नगरी ब्लाक में देवपुर, सिरसिदा, बेलर, रतावा में अवैध खनन किया जा रहा है।
Updated on:
14 May 2025 08:01 am
Published on:
14 May 2025 08:00 am
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