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Video: पीने के पानी को तरस रहा था पूरा गांव, भागीरथ प्रयास से पहाड़ से हर घर ले आए शुद्ध पानी

Water crisis: 400 ग्रामीणों की आबादी वाले गांव में अब सालभर 24 घंटे तक लोगों को मिलता है शुद्ध व शीतल जल (Pure and cold water), प्रशासन द्वारा खुदवाया गया 2 हैंडपंप भी हो गया था फेल, ग्रामीणों ने नई सोच से लिखी इबारत

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Water crisis

Water brought in villager from mountain

अंबिकापुर. Water Crisis: खुद व समाज के लिए कुछ अच्छा करने की जिद हो तो सफलता मिल ही जाती है। ऐसा ही कुछ सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक के मतरिंगा के ग्रामीणों ने भागीरथ प्रयास से कर दिखाया है। यहां के लोग बूंद-बूंद पीने के पानी के लिए तरस रहे थे। समस्या को देखते हुए गांव में हैंडपंप तो खुदवाया गया, लेकिन यह योजना फेल साबित हुई। ऐसे में ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मदद की आस छोडक़र अपनी मेहनत व नई सोच से पहाड़ से निकले जलस्रोत का पानी गांव तक ला दिया। उन्होंने खुद रुपए खर्च व श्रमदान कर पहाड़ से गांव तक पाइप लाइन बिछाई। आलम यह है कि अब उन्हें १२ महीने २४ घंटे शुद्ध व शीतल पानी मिल रहा है।


सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक के सितकालो ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मतरिंगा के लोग वर्ष 2021 से पहले बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते थे। यहां के 400 लोगों की आबादी दूसरे गांव या ढोढ़ी के पानी पर आश्रित थी। ग्रामीणों की मांग पर जिला प्रशासन द्वारा गांव में दो स्थानों पर बोरिंग तो कराया गया पर पथरीली जगह होने के कारण बोर सक्सेस नहीं रहा। ऐसे में ग्रामीणों की चिंता और गहरा गई।

इस स्थिति में ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं हारी और गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर पहाड़ से निकले जलस्रोत को अपना टारगेट बनाया। ग्रामीणों ने पहाड़ से निकले जलस्रोत से पानी गांव तक पहुंचाने की सोची और सफल भी हुए। उन्होंने खुद के खर्च और श्रमदान से 2 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर गांव तक पानी पहुंचाने का काम किया।

हर घर में पहुंचता है पानी
गांव के सरपंच गड़ा राम ने बताया कि वर्ष 2021 से पहले गांव में पानी की बड़ी समस्या थी। पंचायत फंड व ग्रामीणों के सहयोग से पहाड़ पर बने जलस्रोत से गांव तक पानी उतारा गया है। अब गांव के हर घर में १२ महीने २४ घंटे पानी उपलब्ध रहता है।

जलस्रोत का पानी शुद्ध व शीतल
सरपंच का कहना है कि पहाड़ से निकले जलस्रोत से गांव के करीब ४०० लोगों की प्यास बुझ रही है। पानी काफी शुद्ध व शीतल है। पानी की जांच कराने के लिए जल संसाधन विभाग को भेजा गया था। जांच में जलस्रोत का पानी काफी शुद्ध पाया गया है।

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दो से ढाई लाख रुपए हुए खर्च
सरपंच का कहना है कि गांव में जिला प्रशासन की ओर से दो जगह बोर कराया गया, लेकिन सक्सेस नहीं हुआ। ऐसे में जिला प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए। इस स्थिति में पंचायत फंड व गांव वालों की मदद से करीब 2 से ढाई लाख रुपए खर्च कर गांव तक पानी लाया गया है।


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