
Twitter stop the #ThereIsHelp Search Prompt
ट्विटर ने पिछले कुछ दिनों में एक ऐसे फीचर को हटा दिया है, जो आत्महत्या रोकथाम हॉटलाइन (Suicide Prevention Hotlines)और अन्य सुरक्षा संसाधनों को बढ़ावा देता था। #ThereIsHelp के नाम वाली यह सुविधा मानसिक स्वास्थ्य, एचआईवी, टीके, बाल यौन शोषण, Covid19, लैंगिक हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े इश्यू की स्पेशल सर्च में सबसे ज्यादा काम आती थी। कई देशों के संगठन इसका इस्तेमाल कर रहे थे। फेसबुक सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म स्पेशल सर्च के लिए ऐसे फीचर देते हैं। ट्विटर पार्टनर साउथईस्ट एशिया फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक डामर जुनियार्तो ने शुक्रवार को लापता फीचर के बारे में ट्वीट किया और कहा कि सोशल मीडिया सर्विस का यह 'मूर्खतापूर्ण कार्य' उनके संगठन को ट्विटर छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है।
भरोसमंद नहीं यह 'सफाई'
एक मीडिया रिपोर्ट में ट्विटर में ट्रस्ट और सेफ्टी हेड एला इरविन के हवाले से कहा गया है, हम अपने प्रॉम्पट को ठीक कर रहे हैं और सुधार रहे हैं। जब तक हम ऐसा कर रहे हैं, तब तक उन्हें अस्थायी रूप से हटा दिया गया है। हाल ही में भंग किए गए ट्विटर कंटेंट एडवाइजरी ग्रुप में शामिल रहे इरलियानी अब्दुल रहमान का कहना है कि #ThereIsHelp का गायब होना 'गंभीर रूप से परेशान करने वाला' है। यहां तक कि अगर इसे सुधार के लिए रास्ता बनाने के लिए केवल अस्थायी रूप से हटा दिया गया है तो भी। उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति में आम तौर पर समानांतर में काम किया जाता है, हटाया नहीं जाता।
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लोगों के लिए काफी मददगार
कंपनी के ट्वीट के अनुसार, ट्विटर ने लगभग पांच साल पहले ऐसे प्रॉम्पट दिए थे और कुछ तो 30 से अधिक देशों में उपलब्ध थे। फीचर के बारे में अपने एक ब्लॉग पोस्ट में, ट्विटर ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने की हमारी जिम्मेदारी है कि यूजर 'हमारी सेवा तक पहुंच और समर्थन प्राप्त कर सकें, जब उन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो।' यहां तक कि एलन मस्क के कंपनी खरीदने के बाद इंडोनेशिया और मलेशिया में प्राकृतिक आपदा खोजों से संबंधित जानकारी दिखाने के लिए इस फैसेलिटी का विस्तार किया गया था।
खतरनाक होगा यह बदलाव
गैर-लाभकारी नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख खुफिया विश्लेषक एलेक्स गोल्डनबर्ग ने कहा कि कुछ दिन पहले खोज परिणामों में दिखाए गए संकेत अब गुरुवार तक दिखाई नहीं दे रहे थे। उन्होंने और उनके सहयोगियों ने अगस्त में एक स्टडी प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि ट्विटर पर आत्म-नुकसान से जुड़े कुछ शब्दों का मासिक उल्लेख लगभग एक साल पहले की तुलना में 500% से अधिक बढ़ गया है, युवा यूजर के साथ जोखिम ज्यादा होता है। गोल्डनबर्ग ने कहा, अगर ट्विटर का यह फैसला ऐसे इश्यू को गंभीरता से न लेने वाले नीति परिवर्तन का प्रतीक है तो बहुत खतरनाक है।
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Published on:
24 Dec 2022 03:42 pm
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