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US Election 2020: कोर्ट में आसान हो सकती है ट्रंप की राह, जानें पीछे की बड़ी वजह

US Election 2020 कोर्ट की लड़ाई में आसान हो सकती है ट्रंप की राह पहले की कोर्ट के दखल से दो बार बदल चुके हैं राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जीत से महज 6 कदम दूर हैं डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन

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Dheeraj Sharma

Nov 05, 2020

US Presidential Election 2020

अमरीका राष्ट्रपति चुनाव 2020

नई दिल्ली। अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव ( US Election 2020 ) के लिए मतदान खत्म हो गया है। अब वोटों की गिनती जारी है, कई राज्यों के रुझान और नतीजे भी आ गए हैं। डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार जो बिडेन अब अपनी जीत के काफी करीब है। वो इलेक्टोरल वोटिंग में आगे हैं। लेकिन चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा लिया है।

कुछ राज्यों में रिकाउंटिंग को लेकर रिपब्लिकन पार्टी अदालत तक पहुंच भी गई है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अमरीका में दो बार चुनावी नतीजे पलट चुके हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के लिए कोर्ट की राह आसान हो सकती है। इसके पीछे भी बड़ी वजह है। आईए जानते हैं क्यों कयास लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट में ट्रंप की राह आसान हो सकती है।

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ट्रंप राज में हुई 6 जजों की नियुक्ति
ट्रंप की राह कोर्ट में कुछ आसान हो सकती है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में 6 जजों की नियुक्ति की जा चुकी है। इनमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं। इन सभी की नियुक्ति रिपब्लिकन पार्टी की सरकारों के राज में हुई है।

ऐसे में माना जा रहा है कि जब कोर्ट में चुनावी लड़ाई चलेगी तो ट्रंप के पक्ष में जजों का झुकाव हो सकता है। हालांकि कानूनी प्रक्रिया है ऐसे में इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन ट्रंप राज में नियुक्ति के चलते ट्रंप की बात को तवज्जो मिलने के आसार हैं।

डेमोक्रेट खेमे ने किया था विरोध
पिछले दिनों डेमोक्रेट खेमे ने ट्रंप सरकार का जजों की नियुक्ति को लेकर जमकर विरोध भी किया था। जो बिडेन से लेकर कमला हैरिस तक ने ट्रंप सरकार की खूब आलोचना भी की थी, लेकिन ट्रंप अमरीकी सुप्रीम कोर्ट में अपने शासन काल में तीसरी जज की नियुक्ति करवाने में कामयाब रहे।

कोर्ट से पलटे चुनावी नतीजे
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के दो बार नतीजे कोर्ट के दखल के बाद पलट चुके हैं। 2000 में जब रिपब्लिकन की ओर से जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट्स की ओर से एल गोरे चुनावी मैदान में थे, तो फ्लोरिडा में पेच फंसा।

बुश कुल 537 वोटों से आगे थे, लेकिन एल गोरे ने दोबारा वोटों की गिनती की मांग की। बुश ने कोर्ट का रुख किया और रिकाउंटिंग रोकने की बात कही। कोर्ट ने बुश के पक्ष में फैसला सुनाया और बुश को विजेता घोषित किया।

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1 वोट से हुई जीत
वहीं 1876 में भी रुदरफोर्ड बी. हेयस ने 1 वोट से डेमोक्रेट्स के सैमुअल टिल्डन को हरा दिया था। दरअसल तिम नतीजों के लिए कांग्रेस ने एक कमिशन का गठन किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज, हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव, सीनेटर और अन्य लोग शामिल थे। अंत में इन्हीं की वोटिंग के आधार पर राष्ट्रपति का नाम तय हुआ था।