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हार के बाद पहली बार अमेठी पहुंचीं स्मृति ईरानी, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष शुभम सिंह किए गए नजरबंद

लोकसभा चुनाव 2024 में मिली हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और अमेठी से निवर्तमान सांसद स्मृति ईरानी सोमवार को पहली बार अमेठी पहुंचीं। तकरीबन साढ़े 11 महीनों बाद हुए इस दौरे को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। दूसरी ओर यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष शुभम सिंह नजरबंद किए गए हैं।

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फाइल फोटो: स्मृति ईरानी

फाइल फोटो: स्मृति ईरानी

अमेठी आगमन पर कार्यकर्ताओं ने विभिन्न स्थानों पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान वह जगदीशपुर क्षेत्र के पालपुर भी पहुंचीं जहां हाल ही में अस्थि विसर्जन के दौरान गंगा नदी में डूबे तीन युवकों की मौत हो गई थी।

गंगा नदी में डूबे परिजनों से की मुलाकात

हाल ही में अस्थि विसर्जन के लिए डलमऊ घाट में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। स्मृति ने परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में वह उनके साथ हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं और आम लोगों से भी मुलाकात की।

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रास्ते में जगदीशपुर, मुसाफिरखाना सहित कई स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। इसके बाद वह अपने अमेठी स्थित निवास पहुंचीं और वहां कार्यकर्ताओं से संगठनात्मक चर्चा की।

यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शुभम सिंह नजरबंद

स्मृति ईरानी की यात्रा से पहले अमेठी में यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शुभम सिंह को नजरबंद कर दिया गया। इस पर शुभम सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा को डर है कि कांग्रेस कहीं विरोध प्रदर्शन न कर दे। आपको याद दिला दें कि 30 अप्रैल को राहुल गांधी के अमेठी आगमन पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था और ‘राहुल गांधी वापस जाओ’ के नारे लगाते हुए उनका पुतला फूंका गया था।

स्मृति ईरानी हार के बाद पहली बार पहुंचीं अमेठी

गौरतलब है कि स्मृति ईरानी ने 2014 में पहली बार अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2019 में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराकर राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा बटोरी। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के हाथों हार के बाद उन्होंने अमेठी से दूरी बना ली थी, हालांकि सोशल मीडिया के माध्यम से वह अमेठी से जुड़ी रहीं।