Flood Warning: यूपी की ताजनगरी आगरा में चंबल नदी खतरे के निशान पर पहुंचने वाली है। इसके चलते प्रशासन ने 38 गांवों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए मंगलवार शाम से गांवों में मुनादी कराई जा रही है।
Flood Warning: मध्य प्रदेश और राजस्थान में हो रही बारिश और कोटा बैराज से 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार शाम करीब छह बजे चंबल नदी का जलस्तर 124.9 मीटर पहुंच गया। सोमवार को चंबल नदी का जलस्तर 120 मीटर पर था। मंगलवार सुबह करीब आठ यह 123 मीटर पर पहुंच गया था। 24 घंटे में चंबल नदी का जलस्तर 5 मीटर बढ़ गया। ऐसे में नदी के तटवर्ती गांवों में हड़कंप मचा हुआ है। गांवों में राजस्व टीमें तैनात कर दी हैं।
आगरा के पिनाहट घाट चंबल नदी पर नहर विभाग के पंप हाउस नंबर एक पर पैरामीटर के अनुसार चेतावनी का निशान 127 पर है और खतरे का निशान 130 पर है। प्रशासनिक अधिकारियों ने तटवर्टी गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को चंबल नदी किनारे न जाने की कड़ी हिदायत दी है। नदी में तेज उफान व लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने स्टीमर संचालन को भी बंद करा दिया है।
एक हिन्दी अखबार में छपी खबर के अनुसार आगरा स्थित चंबल नदी में बाढ़ के चलते पानी खेत और खादरों में भर गया है। फसलें डूब गई हैं। नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर व तेज बहाव के चलते मगरमच्छ और घड़ियाल खादरों की तरफ बढ़ने की आशंका है। जिससे तटवर्ती गांवों के लोग भयभीत हैं। ग्रामीणों ने अपने जरूरी सामान को ऊंचे स्थान की ओर पहुंचाना शुरू कर दिया है।
चंबल नदी के लगातार बढ़ रहे जल स्तर व तेज बहाव को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने पिनाहट घाट चंबल नदी पर स्टीमर का संचालन पूर्ण रूप से बंद करा दिया है। जिससे सोरों व हरिद्वार से मध्य प्रदेश के लिए जाने वाले कांवड़ियों को भारी परेशानी हो रही है। नदी पार न कर पाने के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। जिससे कांवड़ियों में भारी आक्रोश है।
एसडीएम बाह सृष्टि ने बताया कि सभी राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों को चंबल के तटवर्ती गांवों में जाकर हालत पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जलस्तर पर पल-पल की अपडेट देने के आदेश दिए हैं। चंबल नदी के तटवर्ती गांव में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। गांवों में मुनादी करा दी गई है। ग्रामीणों को चंबल नदी किनारे न जाने की हिदायत दी गई है।
यदि चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 130 मीटर पर पहुंचता है तो नदी के तटवर्ती गांव रेहा, बरेड़ा, कछियारा, पिनाहट घाट, क्योरी बीच का पुरा, क्योरी ऊपरी पुरा, उमरैठा पुरा, झरनापुरा, पुरा डाल, पुरा शिवलाल, गुडा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, भगवानपुरा, सिमराई, गोंसिल, धांधूपुरा, नदगवां सहित करीब 38 गांव प्रभावित होते हैं। सबसे पहले पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र का उमरैठा पुरा गांव डूब जाएगा।
चंबल नदी में जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ते देख पिनाहट, बाह और जैतपुर क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। सभी घाटों पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो व लेखपालों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही क्योरी, पिनाहट, रेहा, उमरैठा पुरा जैसे घाटों पर भीड़ को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है।