आगरा

नौकरी करनी है तो मरीज और डेड बॉडी दो! अस्पताल में एंबुलेंस गैंग का आतंक, महिला कर्मचारी को जान से मारने की धमकी

Agra News: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में निजी एंबुलेंस गैंग के आतंक का मामला सामने आया है। गैंग का मुखिया महिला कर्मचारी को मरीज और डेड बॉडी देने के लिए धमकाता है। आरोप है कि एंबुलेंस गिरोह अस्पताल में दबदबा बनाए हुए है।

3 min read
Oct 22, 2025
नौकरी करनी है तो मरीज और डेड बॉडी दो! AI Generated Image

Ambulance gang threatens female staff in Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस माफिया का खौफ खुलकर सामने आया है। यहां निजी एंबुलेंस गैंग के मुखिया ने एक महिला कर्मचारी को खुलेआम धमकाया और कहा कि नौकरी करनी है तो मरीज और डेड बॉडी की कॉल मुझे दिया करो, वरना देख लेना… रात में घर तो जाओगी न, तब पता चलेगा।

महिला कर्मचारी ममता सिंह ने इस धमकी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। वीडियो में उन्होंने बताया कि गैंग लीडर बलवीर धारिया पिछले डेढ़ महीने से लगातार उन्हें धमका रहा है।

ये भी पढ़ें

केदारनाथ धाम में भक्तों का सैलाब! कल बंद होंगे कपाट, 6 महीने ऊखीमठ में होंगे दर्शन

वीडियो में खुलासा - अस्पताल परिसर में खुलेआम दी जा रही धमकियां

वायरल वीडियो (2 मिनट 49 सेकंड) में ममता सिंह बताती हैं कि रविवार शाम करीब 4:30 बजे बलवीर धारिया ने मेडिसिन विभाग में उन्हें रोका और सभी के सामने गाली-गलौज व धमकी दी।
धारिया ने कहा कि वो उसे मरीज या डेड बॉडी क्यों नहीं देती।

ममता सिंह ने बताया- “उसने कहा कि यहां तो लोग बचा लेंगे, लेकिन रात में घर जाओगी तब कौन बचाएगा।” उन्होंने इस धमकी की शिकायत चौकी इंचार्ज से की, लेकिन पुलिस ने कार्यवाही करने के बजाय उल्टा समझौते का दबाव बनाया।

अस्पताल के अंदर संगठित तरीके से चल रहा एंबुलेंस गैंग

ममता सिंह का कहना है कि कॉलेज के भीतर करीब 20 निजी एंबुलेंस अवैध रूप से खड़ी रहती हैं।
ये गैंग मरीजों को रैफर या छुट्टी मिलते ही अपनी गाड़ियों में बिठाकर ले जाते हैं। जो स्टाफ इस नेटवर्क का विरोध करता है, उसे धमकाया जाता है। सस्पेंड, ट्रांसफर या जान से मारने तक की चेतावनी दी जाती है।

अस्पताल प्रशासन भी इस गैंग की ताकत के सामने बेबस

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि यह दो एंबुलेंस गैंगों की आपसी रंजिश है। उन्होंने बताया कि पहले भी एक गैंग के लोगों को जेल भेजा गया था, लेकिन अब दोनों फिर से सक्रिय हो गए हैं। प्राचार्य ने कहा कि निजी एंबुलेंस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है और सुरक्षा इंचार्ज को सख्त निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, उन्होंने कमिश्नरेट और डीएम को भी गैंग पर नियंत्रण लगाने के लिए अनुरोध किया है।

दवा सप्लाई में भी शामिल गैंग

सूत्रों के मुताबिक, एंबुलेंस गैंग न केवल मरीजों बल्कि दवाओं की सप्लाई में भी शामिल है। मेडिकल कॉलेज में महंगी दवाइयां लाने और बाहर भेजने का काम भी यही गैंग अपनी एंबुलेंस से करता है।
आशंका है कि दवाएं खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जाती हैं। हाल ही में दवाएं उतारती हुई एंबुलेंस का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसने अस्पताल प्रशासन की पोल खोल दी है।

मेडिसिन विभाग पर गैंग का पूरी तरह कब्जा

अस्पताल के सबसे बड़े मेडिसिन विभाग पर अब एंबुलेंस माफिया का पूरी तरह कब्जा बताया जा रहा है। महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि विभाग के कुछ इंचार्ज और कर्मचारी गैंग के साथ मिले हुए हैं और उनके लिए मरीजों की सेटिंग करते हैं। जो विरोध करता है, उसे धमकाया जाता है या परेशान किया जाता है। इससे पहले वार्ड ब्वॉय सोहन सिंह को भी धमकाया गया था, जिसके बाद उसने मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत भेजी।

डेढ़ महीने से जारी उत्पीड़न

ममता सिंह ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं। चौकी में शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। बलवीर धारिया और उसके साथी बार-बार अस्पताल के कर्मचारियों को हर मरीज और डेड बॉडी की कॉल देने के लिए मजबूर करते हैं। महिला का कहना है कि अस्पताल प्रशासन गैंग के खिलाफ कार्रवाई करने से डरता है।

निजी अस्पतालों में मरीजों को शिफ्ट करने पर कमीशन

एंबुलेंस गैंग का नेटवर्क इतना गहरा है कि वे मरीजों को सरकारी अस्पताल से निजी अस्पतालों में शिफ्ट कराने तक का खेल खेलते हैं। वे तीमारदारों को डराकर कहते हैं कि “यहां इलाज ठीक नहीं होगा, मरीज की जान खतरे में है।”

घबराए परिजन फिर उनके बताए निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती करा देते हैं, जहां गैंग मोटा कमीशन कमाता है। कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन अब तक किसी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।

Also Read
View All

अगली खबर