Ajmer News : राजस्थान का अजमेर जिला अवैध बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या का ठिकाना बना है। अब सर्वे से इनकी पड़ताल होगी। जमीनी हकीकत जानने के लिए पढ़ें।
Ajmer News : अजमेर के चारों ओर पहाड़ियों पर अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे लोगों के स्वामित्व व दस्तावेजी जांच के साथ गुप्त सर्वेक्षण भी कराया जा रहा है। सर्वेक्षण में अवैध रूप से किए गए निर्माण वन भूमि व निगम भूमि या सरकारी भूमि पर किए गए हैं इसका पता लगाया जाएगा। क्षेत्र में निवासरत लोगों के दस्तावेजों की पड़ताल की जाएगी। सर्वेक्षण में मतदाता सूची में नाम, दस्तावेज की जांच होगी। सर्वेक्षण में आधार कार्ड होना पर्याप्त नहीं माना जाएगा। आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों की गहन पड़ताल होगी। इसमें पुलिस के साथ राजस्व विभाग व स्थानीय निकाय के अधिकारी जांच करेंगे। राजस्व रिकार्ड भी देखेंगे।
पड़ताल में मालिकाना हक, दस्तावेज और स्टाम्प की जांच होगी। फिलहाल अन्य कब्जाधारी स्टाम्प तैयार कराता है। भूखंड या कब्जे की जमीन का क्षेत्रफल व दिशाएं आदि अंकित होती हैं। करार का प्रतिफल के रूप में राशि प्राप्त करना लिखा जाता है और इसी के आधार पर जमीन का सौदा हो जाता है। नोटेरी से सील भी लगवा ली जाती है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रशासन को निकायों की भूमि सहित पहाड़ी वन भूमि पर कब्जों की शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। गत माह 21 अक्टूबर को नगर निगम, विकास प्राधिकरण, वन विभाग, जिला प्रशासन व भू प्रबंधन विभाग ने तारागढ़ व संपर्क सड़क से सटे पहाड़ी क्षेत्र का भौगोलिक सर्वेक्षण किया था। टोटल स्टेशन सर्वे मशीन (टीएसएसएम) के जरिए राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार अंदरकोट वनखंड का निरीक्षण हुआ। मशीन के जरिए किए गए सर्वे पॉइंट को राजस्व रिकार्ड की जमाबंदी में सुपर इंपोज कर वन क्षेत्र व अन्य भूमि का सीमांकन किया गया। तारागढ़ क्षेत्र में संपर्क सड़क से सटे खसरा 4624 में वन, एडीए व नगर निगम की जमीन की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अजमेर नगर निगम की 307 बीघा भूमि आवासीय बताई गई है।
सूत्रों के अनुसार बंगाल क्षेत्र के कई लोग भी यहां बसे हैं। उनकी नागरिकता की भी जांच होगी। कुछ घरों में नौकर का काम करते हैं। इनके पुलिस वेरिफिकेशन की जांच होगी। कुछ लोग खुली मजदूरी करते हैं।