जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में अजमेर निवासी युवक की मौत के बाद परिजनों की सहमति से अंगदान किया गया। दान किया हुआ अंग जयपुर और किशनगढ़ एयरपोर्ट तक कॉरिडोर के जरिए सुरक्षित पहुंचाए गए।
अजमेर: जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं संलग्न जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में एक ऐतिहासिक कार्य हुआ। 16 वर्षीय दुर्गाशंकर गुर्जर (पिता-जवानराम गुर्जर, निवासी कन्नौज, जिला अजमेर) का अंगदान कर तीन मरीजों को जीवनदान दिया गया। इसमें दो किडनी अलग-अलग दो व्यक्तियों को तथा लीवर एक अन्य व्यक्ति को प्रत्यारोपित किया गया।
दुर्गाशंकर के पिता जवानराम, भाइयों रविशंकर और दिनेश गुर्जर (दोनों नर्सिंग कार्य से जुड़े) तथा बहन समा गुर्जर (बीएससी नर्सिंग छात्रा) ने इस पुण्य कार्य के लिए सहमति दी। परिवार की इस संवेदनशील पहल की सराहना अस्पताल प्रशासन सहित पूरे चिकित्सक समुदाय ने की।
महाविद्यालय के प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ. अनिल सामरिया तथा अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने परिवार का आभार व्यक्त किया। अंगदान प्रक्रिया में डॉ. गोगराज, डॉ. घनश्याम जोशी, डॉ. कुलदीप, डॉ. प्रदीप, डॉ. पंकज सैनी, डॉ. दिलीप नगरवाल, डॉ. श्याम भूतड़ा, डॉ. शिव कुमार बुनकर, डॉ. शिवाजी विद्यार्थी और डॉ. विजय सैनी सहित बड़ी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन थिएटर प्रभारी गीता मोल और आईसीयू प्रभारी शिव प्रसाद माहेश्वरी के साथ कई नर्सिंग व तकनीकी स्टाफ भी इस कार्य में जुटे रहे।
अजमेर जिला प्रशासन ने भी पूर्ण सहयोग दिया। कलेक्टर लोकबंधु, एसपी नंदिता राणा, एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह, एसपी ग्रामीण दीपक शर्मा और पुलिस प्रशासन ने अजमेर से जयपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनवाकर अंग प्रत्यारोपण को सुगम बनाया।
जयपुर और चेन्नई से पहुंचे विशेषज्ञ चिकित्सकों हार्ट सर्जन डॉ. संजीव देवगोडा, डॉ. ध्रुव शर्मा, लिवर सर्जन डॉ. दिनेश भारती, किडनी सर्जन डॉ. रामदयाल साहू, चेन्नई के डॉ. अरुण व डॉ. जगदीश तथा अजमेर के डॉ. अनुराग गोयल ने अंग निकालने की सर्जरी में सहयोग किया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अस्पताल पहुंचकर परिजनों का सम्मान किया और इस अमूल्य योगदान को मानव सेवा का महान उदाहरण बताया।