National Highway in Rajasthan: किशनगढ़-ब्यावर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेन सिस्टम लागू होने से पहले ही फेल होता दिखाई दे रहा है।
Kishangarh-Beawar National Highway: अजमेर। किशनगढ़-ब्यावर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेन सिस्टम लागू होने से पहले ही फेल होता दिखाई दे रहा है। सर्द मौसम में धुंध में दृश्यता बेहद कम होने के बावजूद भारी वाहन और वीडियो कोच बसें थर्ड लेन में मनमाने ढंग से रुकती दिख रही हैं। यात्रियों को चढ़ाने-उतारने का यह खतरनाक तरीका न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि रोजाना जान जोखिम में डाल रहा है। हालात यह हैं कि दो दिन पहले राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक ट्रेलर चालक की जान जाने के बाद भी जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और कारिन्दों की आंखें नहीं खुली हैं।
शहर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग(किशनगढ़ से ब्यावर) पर एनएचएआई, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और एनएचआई के कागजों में लेन सिस्टम लागू कर दिया है लेकिन यहां के हालात ना पहले बदले थे ना अब। सिक्स लेन होने के बावजूद दोनों तरफ की थर्ड लेन (भारी वाहनों के लिए) अवैध बस स्टॉप में तब्दील हो चुकी है। जयपुर-उदयपुर, अहमदाबाद और जोधपुर रूट की वीडियो कोच बसें यात्रियों को चढ़ाने-बैठाने के लिए रात के अंधेरे और सुबह की धुंध में थर्ड लेन पर अचानक ब्रेक लगा रही हैं।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी और स्थानीय यातायात विभाग ने बीते एक पखवाड़े से लेन सिस्टम लागू कर चुका है। पुलिस प्रशासन के साथ परिवहन विभाग, एनएचआई व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर चुका है लेकिन नतीजा अब भी शून्य है। नियम बनाए गए, लेकिन पालना कहीं नहीं दिखती। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि लेन सिस्टम लागू है, पर हकीकत यह है कि थर्ड लेन रात व सुबह में अस्थायी बस स्टैंड में तब्दील हो जाती है।
ऑटो रिक्शा चालक अहमद बताते है कि वीडियो कोच बसें सीधे तीसरी लेन में खड़ी होती है। इससे हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। सड़क किनारे बनी सर्विस लेन या निर्धारित पॉइंट पर बसों का ठहराव हो तो बस यात्रियों के चढ़ने उतरने में भी सहूलियत रहेगी।
शुक्रवार सुबह 7 बजे पत्रिका की टीम ने मौके से लाइव ग्राउंड रिपोर्ट ली। धुंध की मोटी चादर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों तरफ प्राइवेट वीडियो कोच बसें और निजी पार्सल वाहन थर्ड लेन में खड़े मिले। दृश्य ऐसा था कि बस के पीछे आने वाला वाहन अंतिम क्षण तक सामने खड़े वाहन को देख ही नहीं पाता।
यात्रियों से पूछताछ में सामने आया कि यह सिलसिला सालों से चल रहा है। बस संचालक मुख्य सड़क पर रुकने को मजबूरी बताते हैं। उनका कहना है कि कट नहीं होने से बस सर्विस लेन पर नहीं उतार सकती हैं लेकिन यह मजबूरी यात्रियों और अन्य वाहनों के लिए जानलेवा जोखिम बन चुकी है।
परबतपुरा बायपास पर चरनाल पेट्रोल पम्प के सामने दो दिन पहले थर्ड लेन में परबतपुरा आरओबी से उतरता तेज रफ्तार ट्रेलर बस से टकरा गया। इसके बावजूद न तो अवैध ठहराव पर कोई कार्रवाई हुई न पुलिस ने कोई इंतजाम किए। यात्रियों को अंधेरे, कोहरे के बीच हाईवे के बीचों-बीच उतारना चढ़ाना सबसे बड़ा खतरा बना हुा है। ठंडी रातों में दृश्यता घटने से वाहन चालकों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
लेन ड्राइव सिस्टम अभियान चल रहा है। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी व ट्रक चालकों से समझाइश की गई। कुछेक जगह होटल-ढाबों के अतिक्रमण की परेशानी है। जहां भी एक्सीडेंट जोन बना है। वहां सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
-अजेय सिंह राठौड़, एएसपी, किशनगढ़ व नोडल अधिकारी लेन सिस्टम