Rajasthan News : अजमेर विकास प्राधिकरण की टीम ने झील किनारे बने सात अजूबों में से एफिल टावर और पिरामिड के हिस्सों को हटाया। इसके अलावा कोलोसियम और अन्य अवैद्य निर्माण के मलबे को हटाने के लिए डंपर लगाए गए। पर ताजमहल के बारे में लिया एक बड़ा फैसला।
Rajasthan News : अजमेर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना में अजमेर विकास प्राधिकरण ने स्मार्ट सिटी योजना में करोड़ों की लागत से किए गए निर्माण कार्यों को हटाने की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रखी। अजमेर विकास प्राधिकरण की टीम ने झील किनारे बने सात अजूबों में से एफिल टावर और पिरामिड के हिस्सों को हटाया। इसके अलावा कोलोसियम और अन्य अवैद्य निर्माण के मलबे को हटाने के लिए डंपर लगाए गए।
सुबह 7 बजे से 5 जेसीबी, टेक्टर जनरेटर, सिलेंडर और क्रेन लेकर एडीए के अधिकारी सात अजूबों के उद्यान में पहुंच गए। करीब 50 से ज्यादा मजदूर गीजा के पिरामिड, पीसा की झुकी मीनार को हटाने में जुटे। सात से आठ घंटों की मेहनत के बाद मजदूरों ने दोनों अजूबों के हिस्सों को हटाया।
प्राधिकरण के अधिकारियों और श्रमिकों की टीम शाम तक काम में जुटी रही। एहतियात के तौर पर पुलिस मौजूद रही। एफिल टावर के हिस्सों को हटाने में अधिक परेशानी हुई। 10 हजार टन लोहे के ढांचे के एक-एक हिस्से को हटाया गया। भारी हिस्सों को तोड़ने के बाद 50 टन की क्रेन से इन्हें उतारा गया।
ताजमहल को हटाने को लेकर अफसरों में काफी चर्चा हुई। मीनारों, गुंबदों और अन्य हिस्सों पर हथौड़े चलाने के बजाए पूरा ढांचा ज्यों का त्यों उठाने पर सहमति बनी। इसके लिए नींव के आस-पास जैक लगाने सहित अन्य काम होगा। मजदूरों को बिना नुकसान पहुंचाए ताजमहल को हटाने की हिदायत दी गई। सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में 7 अजूबों के उद्यान को 17 सितंबर तक की ओर से सात हटाने का हलफनामा दिया गया है।