रणथंभौर व सरिस्का टाइगर रिजर्व से 13 बाघ गायब चल रहे है। सरकार ने एक साल पहले इनकी तलाश तेज कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।
अलवर। रणथंभौर व सरिस्का टाइगर रिजर्व से 13 बाघ गायब चल रहे है। सरकार ने एक साल पहले इनकी तलाश तेज कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक जयपुर कार्यालय की ओर से तीन सदस्यीय टीम बनाई गई थी, जिसको एक माह में अपनी रिपोर्ट देनी थी। इस रिपोर्ट का अब तक अता-पता नहीं है।
रिपोर्ट में यह बताना था कि बाघों को ढूंढने के लिए अफसरों ने अब तक क्या प्रयास किए। इसके अलावा 5 अन्य बिंदुओं पर भी जांच रिपोर्ट सौंपनी थी। गौरतलब है कि रणथंभौर से 11 और सरिस्का से 2 बाघ गायब है।
सरिस्का में वर्ष 2022 से एसटी-13 बाघ का भी पता नहीं लग पाया है। केवल सर्च अभियान चल रहा है। अकबरपुर रेंज की बाघिन 2401 भी दो माह से गायब है। इसकी मौजूदगी के सबूत नहीं मिले हैं। इसके लिए कई कैमरे लगाए गए हैं। पेट्रोलिंग भी बढ़ाई गई। बताया जा रहा है कि टाइगर संघर्ष में बाघिन मारी भी जा सकती है। क्षेत्रीय निदेशक संग्राम सिंह कटियार का कहना है कि बाघिन की खोज के लिए टीमें काम कर रही है। कैमरे और बढ़ाए गए है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बाघ टी-90 की फीमेल शावक, बाघिन टी-92, बाघ टी-20, बाघ टी-70, 71, 76 और बाघ भैरूपुरा सहित 11 बाघ लापता हैं। इनकी तलाश के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए हैं।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के 11 बाघों के एक साल से अधिक समय से कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले हैं। साथ ही 14 बाघों की उपस्थिति के पुख्ता साक्ष्य एक वर्ष से कम अवधि में भी नहीं मिले हैं। सरकार को लग रहा है कि अब तक तैनात रहे अधिकारियों ने बाघों को ढूंढने में पूरी दिलचस्पी नहीं ली। कुछ अफसरों ने ली भी तो उसके परिणाम सामने नहीं आए।
इसी को देखते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव ने तीन सदस्यीय कमेटी जांच के लिए बनाई थी। इस कमेटी में अध्यक्ष अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव राजेश कुमार गुप्ता को बनाया गया था। सदस्य के रूप में वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर टी. मोहनराज, उप वन संरक्षक वन्यजीव - जयपुर मानस सिंह शामिल थे।
सरिस्का में बाघों के संरक्षण के लिए नया प्लान बनाया जा रहा है। यह प्लान वर्ष 2034 तक चलेगा। इसके जरिए सरिस्का में टाइगरों की संख्या बढ़ाने पर जोर है। माना जा रहा है कि 10 साल में करीब 50 से 70 तक बाघों की संख्या और बढ़ सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार सरिस्का प्रशासन को बाघों की निगरानी से लेकर स्टाफ की तैनाती पर जोर देने की जरूरत है। टाइगर ट्रेल्स ट्रस्ट की अध्यक्ष स्नेहा सोलंकी का कहना है कि गायब बाघों को ढूंढने के लिए सरकार को नए इंतजाम करने होंगे। सरिस्का में टाइगर की संख्या 15 साल में 150 पहुंचने के आसार हैं। ऐसे में जंगल का विस्तार जरूरी है। उसी पर हम काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के जरिए सेंचुरी 1823 वर्ग किमी करवाने की तैयारी है।
सरिस्का से गायब बाघिन की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं। ट्रैप कैमरे बढ़ाए गए हैं। बाघिन की खोज के लिए प्रयास लगातार चला रहे हैं। सरकार के जो आदेश, इसको लेकर आते हैं, उसका भी पालन किया जा रहा है।
-संग्राम सिंह कटियार, क्षेत्र निदेशक, सरिस्का