अलवर

Alwar Crime: नकली सोने पर 19 खातों से लिया लोन, 98 लाख रुपए की हेराफेरी, मैनेजर समेत 3 लोग गिरफ्तार

Loan On Fake Gold: 19 खातों से लोन स्वीकृत कर करीब 98 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में बैंक मैनेजर समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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Dec 22, 2025
गिरफ्तार आरोपियों की फोटो: पत्रिका

Bajaj Finance Manager Arrested: बजाज फाइनेंस लिमिटेड की पालावत मार्केट स्थित गोल्ड लोन शाखा में सोने के आभूषणों की अदला-बदली कर 98 लाख 6 हजार 240 रुपए की हेराफेरी के मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने तीन आरोपियों देव प्रताप सिंह चौहान, अभिषेक गुप्ता और सुरेंद्र गोयल को गिरफ्तार किया है।

कंपनी के सीनियर मैनेजर ने 9 दिसंबर को पुलिस को दी शिकायत में सीनियर रिलेशनशिप मैनेजर देव प्रताप सिंह चौहान व अभिषेक गुप्ता, रिलेशनशिप मैनेजर योगिता जांगिड़ और सीनियर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव सुरेन्द्र गोयल पर आपराधिक षड्यंत्र रचकर नकली आभूषणों पर लोन स्वीकृत करने, असली गहनों की चोरी और ऑडिट में गुमराह करने का आरोप लगाया था।

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एएसआइ विजेन्द्र सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया कि आरोपियों ने कंपनी के नियमों को दरकिनार कर कई खातों में गोल्ड लोन स्वीकृत कराए थे। इस पूरे प्रकरण में बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है, जिसकी विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस तरह की धोखाधड़ी कब से चल रही थी और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं।

ऐसे हुआ था खुलासा

कंपनी की ऑडिट टीम को कई गोल्ड लोन पैकेटों में असली की जगह नकली आभूषण मिले थे। पूछताछ में देव प्रताप सिंह चौहान ने स्वीकार किया था कि उसने तिजोरी में पहले से रखे कई पैकेटों से असली सोना निकालकर नकली आभूषण रख दिए थे।

सीसीटीवी फुटेज में तिजोरी से पैकेट निकालते, आभूषण बदलते और नए पैकेट बनाते हुए देखा गया था। तीनों आरोपियों ने पूछताछ में माना था कि उन्होंने 19 खातों में नकली सोने पर ऋण स्वीकृत कराए।

रात में कार्यालय खोलकर ऑडिट से बचने का प्रयास

ऑडिट टीम के आने वाले दिन देव प्रताप ने दुर्घटना का बहाना बनाकर तिजोरी की चाबी उपलब्ध नहीं करवाई। उसी रात वह सहयोगियों के साथ कार्यालय खोलकर पैकेटों में अदला-बदली करता रहा, ताकि ऑडिट जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में न आए।

यह जानकारी कंपनी के रिकॉर्ड में दर्ज है। कंपनी प्रबंधन को आरोपी अभिषेक गुप्ता और योगिता जांगिड़ ने बताया था कि देवप्रताप सिंह ने उन्हें लालच देकर फंसाया। देवप्रताप के कोटक महिंद्रा बैंक खाते तथा अन्य खातों में भारी मात्रा में ग्राहकों और परिचितों के नाम से धनराशि का लेन-देन किया गया। अभिषेक गुप्ता ने 35 लाख, सुरेन्द्र गोयल ने 20 लाख 88 हजार 362, योगिता जांगिड़ ने 4 लाख 96 हजार 999 और देवप्रताप सिंह ने 9 लाख 90 हजार रुपए कंपनी को लौटाए हैं। करीब 38 लाख रुपए अब भी बकाया हैं।

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Updated on:
22 Dec 2025 01:39 pm
Published on:
22 Dec 2025 01:37 pm
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