राजस्थान के अलवर जिले में एक निजी अस्पताल के नर्सिंगकर्मी ने साबरमती एक्सप्रेस के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। वह कई दिनों से रेल की पटरी के किनारे बैठकर परिजनों को वीडियो कॉल पर ट्रेन और रेल की पटरी दिखाकर आत्महत्या की धमकी दे रहा था।
अलवर। एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्सिंगकर्मी ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह दर्दनाक घटना तिजारा फाटक के पास दोपहर लगभग 12 बजे हुई। मृतक की पहचान लोकेश के रूप में हुई, जो चांदपुर, मुंडावर का निवासी था। बताया जा रहा है कि लोकेश रेलवे ट्रैक पर हेलमेट पहने बैठा था। जैसे ही साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन उसकी ओर आई, उसने अचानक ट्रेन के सामने छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
लोकेश अलवर के एक निजी अस्पताल में नर्सिंगकर्मी के रूप में काम करता था, जबकि उसकी पत्नी मालाखेड़ा के सरकारी अस्पताल में लैब तकनीशियन है। उसका एक 5 वर्षीय बेटा भी है। मृतक के पिता एक सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हैं।
परिवार और पुलिस के मुताबिक, लोकेश कई दिनों से मानसिक तनाव में था और आत्महत्या की धमकी दे रहा था। वह पिछले तीन दिनों से रेल की पटरी पर जाकर वीडियो कॉल के माध्यम से ट्रेन और पटरी दिखाते हुए आत्महत्या की बात कहता था। पुलिस ने मौके से उसका मोबाइल, हेलमेट और करीब 50 मीटर दूर उसकी स्कूटी बरामद की है। मोबाइल की मदद से उसकी पहचान हुई।
जीआरपी थाना के हेड कांस्टेबल बाबूराम मीणा ने बताया कि सुसाइड से पहले लोकेश ने अपने किसी परिजन को कॉल किया था, जिसके बाद लगातार उसे कॉल आते रहे। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी संभावित वजहों की भी छानबीन कर रही है।