Corruption case: उप अभियंता ने सीईओ पर अवैध उगाही, स्वयं के नाम पर ठेकेदारी सहित अन्य वित्तीय अनियमितताओं का लगाया है आरोप, जनपद अंबिकापुर बना भ्रष्टाचार का अड्डा
अंबिकापुर. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत उप अभियंता रावेन्द्र यादव ने एक गंभीर और चौंकाने वाला पत्र प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन एवं महानिर्देशक, आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो रायपुर को प्रेषित (Corruption case) किया है। पत्र में उन्होंने जनपद पंचायत अम्बिकापुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) आरएस सेंगर पर अवैध उगाही, स्वयं के नाम पर ठेकेदारी, तकनीकी अनियमितताओं को दबावपूर्वक मान्यता दिलाने और कलेक्टर के नाम का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
रावेन्द्र यादव ने अपने पत्र (Corruption case) में उल्लेख किया है कि वे 30 अप्रैल 2025 से जनपद पंचायत अम्बिकापुर में कार्यरत हैं और वर्तमान में 51 ग्राम पंचायतों में लगभग 240 निर्माण कार्यों के तकनीकी मार्गदर्शन, मूल्यांकन एवं सीसी जारी करने के कार्य में संलग्न हैं। इसके अतिरिक्त वे ग्राम पंचायत लब्जी और रनपुरकला में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 316 आवासों के तकनीकी कार्य देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर द्वारा निरीक्षण के दौरान पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जाती है और वे किसी भी प्रकार का कमीशन न लेने की सार्वजनिक घोषणा करते हैं। लेकिन उनके जाने के बाद सीईओ आरएस सेंगर द्वारा उनके ही नाम से 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है और निर्माण एजेंसियों को परेशान कर अवैध वसूली (Corruption case) के लिए दबाव बनाया जाता है।
रावेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि सीईओ स्वयं कई कार्यों में ठेकेदारी (Corruption case) कर रहे हैं और मूल्यांकन कार्य में जानबूझकर अपूर्ण कार्यों को पूर्ण घोषित करने का दबाव बनाते हैं। साथ ही, घटिया सामग्री और पूर्व निर्धारित दुकानों से ही सामग्री लेने की बाध्यता होती है, जिससे गुणवत्ता नियंत्रण संभव नहीं हो पाता। उन्होंने बताया कि तकनीकी खामियों को नजरअंदाज कर सिर्फ कमीशन मिलने पर ही कार्यों को अनुमोदन मिलता है।
उप अभियंता ने यह भी आरोप लगाया कि सीईओ सेंगर (Corruption case) ने एक समीक्षा बैठक में एक्सिस बैंक के प्राइवेट प्रतिनिधियों को बुलाकर कर्मचारियों के वेतन को सरकारी बैंक से हटाकर प्राइवेट बैंक में ट्रांसफर करने का दो घंटे प्रचार करवाया और बीमा योजनाएं लेने का दबाव डाला।
इन सभी गतिविधियों से मानसिक रूप से परेशान होकर उप अभियंता ने अपने निलंबन की मांग की है और अनुरोध किया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरएस सेंगर की संपत्ति की जांच (Corruption case) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कराई जाए। यह मामला प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है और अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है।
राघवेंद्र ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि जब तक सीईओ को कमीशन प्राप्त नहीं होता, तब तक कार्यों में तकनीकी खामियां बताकर बार-बार अड़चनें डाली जाती हैं। लेकिन जैसे ही कमीशन प्राप्त होता है, उस काम की गुणवत्ता चाहे जैसी भी हो, तत्काल पूर्ण मूल्यांकन कर सीसी जारी करा दी जाती है।
ये घटनाएं (Corruption case) निरंतर घट रही हैं और अधिकारियों व अभियंताओं पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वे अपूर्ण कार्यों को भी पूर्ण बताकर रिपोर्ट भेजें। इन अत्यधिक भ्रष्ट, अनैतिक और प्रशासन विरोधी गतिविधियों से मानसिक रूप से पीडि़त होकर रावेन्द्र यादव ने अपने स्वैच्छिक निलंबन की मांग की है।
अंबिकापुर जनपद सीईओ आरएस सेंगर (Corruption case) का कहना है कि जिला पंचायत सीईओ सर का निर्देश है कि कार्यों का मूल्यांकन करके देने का। इसलिए उप अभियंता को बोला जा रहा है, लेकिन वह मूल्यांकन करके नहीं दे रहे हैं।