अंबिकापुर

Ramgarh Pahad: Video: भाजपा की अध्ययन समिति बोली- रामगढ़ पहाड़ को कोई खतरा नहीं, टीएस सिर्फ कर रहे राजनीति, फिर ये बोले सिंहदेव

Ramgarh pahad: पर्यटन मंत्री के अलावा भाजपा की 3 सदस्यीय अध्ययन समिति ने रामगढ़ पहाड़ का किया निरीक्षण, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने रामगढ़ पहाड़ को बचाने की सीएम को लिखा था पत्र

3 min read
BJP study committee in Ramgarh (Photo- Patrika)

अंबिकापुर. सरगुजा के ऐतिहासिक धरोहर रामगढ़ पहाड़ को बचाने कुछ दिन पूर्व पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने सीएम को पत्र लिखा था। इसके बाद भाजपा ने 3 सदस्यीय अध्ययन समिति का गठन किया था। गुरुवार को अध्ययन समिति ने रामगढ़ पहाड़ (Ramgarh Pahad) का निरीक्षण किया। टीम के साथ पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल भी मौजूद थे। अध्ययन समिति का कहना है कि निरीक्षण के दौरान ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं जिससे कि रामगढ़ पर्वत को नुकसान पहुंचा हो। इसे कोई खतरा नहीं है। यहां से केते एक्सटेंशन ब्लॉक काफी दूर है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सिंहदेव सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। वहीं सिंहदेव ने कहा कि भाजपा द्वारा इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई है।

बता दें कि कुछ दिन पूर्व टीएस सिंहदेव ने प्रेसवार्ता आयोजित कर रामगढ़ पहाड़ (Ramgarh Pahad) का अस्तित्व खतरे में आने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कोल ब्लॉक संचालित होने व ब्लास्टिंग के कारण रामगढ़ पहाड़ में दरारें आ रही है। इस कारण आस्था का केन्द्र रामगढ़ पहाड़ी को भारी नुकसान हो रहा है।

ये भी पढ़ें

Nepal violence: Video: नेपाल में हिंसा के बीच फंसे अंबिकापुर के 5 युवक, सीएम और मंत्री की पहल पर सुरक्षित लौटेंगे घर

अगर इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो आने वाले समय में रामगढ़ पहाड़ (Ramgarh Pahad) का अस्तित्व खतरेे में पड़ सकता है। रामगढ़ पहाड़ी के संरक्षण के लिए उन्होंने गैर राजनीतिक मंच का भी गठन किया है। वहीं उन्होंने सीएम को पत्र भी लिखा था। इस पर भाजपा द्वारा 3 सदस्यीय अध्ययन समिति का गठन किया गया था।

Ramgarh Pahad (Photo- Patrika)

गुरुवार को अध्ययन समिति के संयोजक पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, समिति सदस्य विधायक रेणुका सिंह एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा अखिलेश सोनी के अलावा पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री राजेश अग्रवाल ने रामगढ़ पहाड़ का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान समिति ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, ग्रामवासियों एवं समाज प्रमुखों से मुलाकात कर उनकी बातें सुनीं और विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त की।

समिति संयोजक शिवरतन शर्मा ने कहा कि हमने रामगढ़ पर्वत (Ramgarh Pahad) क्षेत्र का दौरा किया है और वास्तविक स्थितियों का अध्ययन किया है। यहां के जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों से हमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। समिति इन सभी तथ्यों का संकलन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र ही प्रदेश भाजपा को सौंपेगी।

Ramgarh Pahad: शिवरतन बोले- खनन के कारण दरारें नहीं

शिवरतन शर्मा ने कहा कि रामगढ़ पर्वत (Ramgarh pahad) का निरीक्षण करने पर पाया गया कि यहां की स्थिति 15-20 वर्षों से समान है। कोई नई दरार या परिवर्तन नहीं दिखा। बारिश के मौसम में प्राकृतिक रिसाव सामान्य प्रक्रिया है, इसे खनन से जोडऩा सही नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2020 में कोल ब्लॉक से संबंधित रिपोर्ट खुद जिला कलेक्टर ने दी थी, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और टीएस सिंहदेव स्वयं जनप्रतिनिधि थे। उस समय यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया, यह अपने आप में सवाल खड़ा करता है।

BJP study committee (Photo- Patrika)

मंत्री बोले- कोई खतरा नहीं, यदि होता है तो करेंगे विरोध

अध्ययन समिति के साथ पहुंचे मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि रामगढ़ मंदिर उनके लिए व्यक्तिगत आस्था का केंद्र है। मैं यहां नियमित आता हूं और मुझे कोई विशेष परिवर्तन नहीं दिखा। जो स्थिति पहले थी, वही अब भी बनी हुई है। रामगढ़ पहाड़ को कोई खतरा नहीं है।

यदि भविष्य में किसी भी खनन गतिविधि से पर्वत (Ramgarh Pahad) को नुकसान होता है, तो मैं खुद उसका विरोध करूंगा। उन्होंने भाजपा की नीति का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी हमेशा धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध रही है।

टीएस बोले- रामगढ़ पर्वत मुद्दे को किया गया राजनीतिक

इधर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भाजपा द्वारा गठित रामगढ़ पर्वत (Ramgarh Pahad) अध्ययन समिति के बयानों पर कहा कि समिति के सभी सदस्य जिम्मेदार और अनुभवी नेता हैं। उन्होंने स्वयं सभी सदस्यों से जांच से पहले मोबाइल पर बात कर सरगुजा की जनभावनाओं का ध्यान रखने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे को पूरी तरह गैर राजनीतिक रूप से उठा रहा हूं, लेकिन समिति के सदस्यों द्वारा 2020 की अनुमति को लेकर कांग्रेस सरकार और उनके नाम का उल्लेख कर इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई है।

उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में एक पेड़ की शाखा तक नहीं कटी, वहीं भाजपा की सरकार बनने के 5 दिन के भीतर जंगल कटने लगे। सिंहदेव ने यह भी बताया कि उन्हीं के कार्यकाल में (Ramgarh Pahad) खदान निरस्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ था और विधानसभा में केते एक्सटेंशन खदान रद्द करने का संकल्प भी लिया गया था।

ये भी पढ़ें

Elephant killed woman: हाथियों ने महिला को जमीन पर पटक कर मार डाला, बेटे ने पानी टंकी पर चढक़र बचाई जान

Updated on:
11 Sept 2025 08:48 pm
Published on:
11 Sept 2025 08:42 pm
Also Read
View All
Flyover in Ambikapur: डिप्टी सीएम साव बोले- अंबिकापुर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने फ्लाईओवर का होगा निर्माण

Road accident on NH: एनएच पर ढाबा कर्मचारी को तेज रफ्तार वाहन ने मारी टक्कर, फट गया सिर, हुई मौत

Amera coal mines extension: अमेरा कोल माइंस विस्तार मामला: पुलिस और ग्रामीणों में खूनी संघर्ष के बाद शुरु हुआ बातचीत का दौर, बनी ये रणनीति

Severe cold in Ambikapur: अंबिकापुर में पड़ रही कड़ाके की ठंड, पारा पहुंचा 4.6 डिग्री, जम गईं ओस की बूंदें, खेतों में बिछी बर्फ की सफेद चादर

Gang rape in CG: चाची-भतीजी से झारखंड के 3 युवकों ने जंगल में किया गैंगरेप, विवाहिता ने लगाई फांसी, ASI सस्पेंड, SI लाइन अटैच

अगली खबर