Umesh custodial death case: शव का निरीक्षण करने परिवार के 5 सदस्यों को प्रशासन ने बुलाया, तहसीलदार व 3 डॉक्टरों की मौजूदगी में किया निरीक्षण, फिर सुपुर्द किया गया शव
अंबिकापुर। बलरामपुर पुलिस की कस्टडी (Umesh custodial death case) में ज्वेलर्स दुकान में चोरी के आरोपी उमेश सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले में काफी बवाल हुआ था। परिजनों ने पुलिस द्वारा की गई पिटाई से मौत का आरोप लगाया था, जबकि पुलिस ने सिकलसेल एनिमिया से मौत की बात कही थी। पुलिस ने उसकी इस बीमारी के इलाज की हिस्ट्री भी साझा की थी। इधर परिजन उमेश का शव लेने को तैयार नहीं थे। मामले की मजिस्ट्रियल जांच जारी है। इसी बीच 8वें दिन परिजन ने शव का निरीक्षण किया, इसके बाद उन्हें शव सुपुर्द किया गया। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। उन्हें उम्मीद है कि मामले में उन्हें उचित न्याय मिलेगा।
दरअसल बलरामपुर के दहेजवार चौक स्थित धनंजय ज्वेलर्स में चोरी के 9 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इनमें 4 खरीदार व सहयोगी भी शामिल थे। इनमें से 8 लोगों को पुलिस ने 9 नवंबर को जेल भेज दिया था, जबकि चोरी के एक आरोपी उमेश सिंह 19 वर्ष की पुलिस कस्टडी (Umesh custodial death case) में 9 नवंबर की सुबह ही मौत हो गई थी।
पुलिस आरोपी से चोरी के जेवर बरामद करने के बाद उसके घर सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम नकना से लेकर वापस लौट रही थी। पुलिस के अनुसार इसी बीच उसकी तबियत बिगड़ गई और उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी मौत (Umesh custodial death case) हो गई थी।
इस मामले में परिजनों ने पुलिस की पिटाई से उसकी मौत का आरोप लगाया था। जबकि पुलिस ने सिकलसेल एनिमिया बीमारी से पीडि़त होने की वजह से उसकी मौत की बात कही थी।
परिजनों ने उमेश का शव लेने से इनकार कर दिया था। इसी बीच पुलिस उसका शव अस्पताल से लेकर भाग निकली थी। इस दौरान बलरामपुर थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे परिजन पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। बाद में पुलिस ने उमेश का शव राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मरच्यूरी (Umesh custodial death case) में सुरक्षा में रखवाया गया था।
इधर परिजन ने शव का दोबारा पीएम कराने, 1 करोड़ रुपए मुआवजा व पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग आईजी से की थी। मामले की मजिस्ट्रियल जांच चलने की बात आईजी ने कही थी तथा एक निरीक्षक समेत 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था।
7 दिन से उमेश का शव (Umesh custodial death case) मरच्यूरी में ही पड़ा हुआ था। 8वें दिन रविवार को 5 परिजनों को तहसीलदार रुपाली मेश्राम व 3 डॉक्टरों की मौजूदगी में शव का निरीक्षण कराया गया। इसके बाद शव उनके सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद परिजन ने ग्राम नकना में उसका अंतिम संस्कार किया। फिलहाल मामले में मजिस्ट्रियल जांच जारी है। परिजन भी इस उम्मीद में है कि उन्हें सही न्याय मिलेगा।