Lawyers protest postponed: नवीन न्यायालय भवन स्थानांतरण के मुद्दे को लेकर 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन कलम बंद आंदोलन पर थे अधिवक्ता, कलेक्टर से 15 दिन में कार्रवाई की उम्मीद
अंबिकापुर. जिला अधिवक्ता संघ द्वारा नवीन न्यायालय भवन को वर्तमान स्थल पर ही निर्मित किए जाने की मांग को लेकर 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन कलमबंद आंदोलन (Lawyers protest postponed) शुरु किया गया था। इसी बीच 11 नवंबर को वकीलों का प्रतिनिधिमंडल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिला। उन्होंने कलेक्टर को फोन कर 15 दिन में गुलाब कॉलोनी खाली कराने की कार्रवाई करने कहा। चीफ जस्टिस के मौखिक आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया। दरअसल वकीलों के नहीं रहने से कोर्ट में कामकाज लगभग ठप पड़ा हुआ था। दूरदराज से आने वाले पक्षकार भी परेशान हो रहे थे।
दरअसल आंदोलन के बीच 11 नवंबर को जिला अधिवक्ता संघ (Lawyers protest postponed) एवं संघर्ष समिति का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुख्य न्यायाधीश से भेंट करने बिलासपुर पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल ने नवीन न्यायालय भवन स्थानांतरण से संबंधित समस्याएं बताईं। न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं की बातें सुनीं।
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को मौखिक रूप से आश्वस्त किया कि उपलब्ध अभिलेखों, दस्तावेज़ों एवं वस्तुस्थिति का संपूर्ण परीक्षण कर वर्तमान स्थल पर ही न्यायालय भवन निर्माण (Lawyers protest postponed) के लिए यथासंभव सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश (Lawyers protest postponed) ने कलेक्टर सरगुजा से फोन पर चर्चा करते हुए उन्हें निर्देशित किया कि गुलाब कॉलोनी क्षेत्र को आगामी 15 दिवस के भीतर कब्जा मुक्त करने की कार्यवाही आरंभ करें ताकि न्यायालय परिसर के विस्तार एवं निर्माण संबंधी प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा सके।
मुख्य न्यायाधीश के आश्वासन के बाद संघ की संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से 6 नवम्बर से चल रहा अनिश्चितकालीन कलमबंद आंदोलन फिलहाल स्थगित (Lawyers protest postponed) करने का निर्णय लिया।
संघ ने इस अवसर पर उन समस्त नागरिकों, सामाजिक संगठनों, कर्मचारी संघों, जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस आंदोलन को न्यायसंगत दिशा एवं व्यापक जनसमर्थन प्रदान किया।