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Custodial death case: अब सीएएफ के पहरे में पुलिस हिरासत में मृत उमेश का शव, परिजन ने चौथे दिन भी लेने से किया इनकार

Custodial death case: राजपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मरच्यूरी में रखा गया है उमेश का शव, पुलिस की चहल-कदमी तेज, दोबारा पीएम कराने समेत अपनी 3 मांग पर अड़े परिजन

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Custodial death case

CAF jawan's in Umesh dead body security (Photo- Patrika)

राजपुर (बलरामपुर)। बलरामपुर के दहेजवार चौक स्थित धनंजय ज्वेलर्स में हुई चोरी के एक आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत (Custodial death case) के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक उमेश सिंह के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई से मौत का आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है। चौथे दिन भी उन्होंने शव नहीं लिया। परिजनों की मांग है कि पोस्टमार्टम दोबारा कराया जाए, दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हो और 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए।

घटना (Custodial death case) के तीसरे दिन मृतक के परिजन मंगलवार को पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के साथ आईजी से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी 3 प्रमुख मांगें रखीं थी। इस पर आईजी ने कहा था कि मामले की न्यायिक जांच जारी है। इधर आईजी ने बलरामपुर साइबर सेल में पदस्थ एक निरीक्षक समेत 4 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है।

घटना के चौथे दिन भी उमेश का शव परिजन नहीं ले गए। दरअसल उमेश की मौत (Custodial death case) पुलिस हिरासत में 9 नवंबर की सुबह उस समय हो गई थी, जब पुलिस उसके घर सीतापुर के नकना से चोरी के जेवर बरामद कर लौट रही थी।

पुलिस ने दावा किया है कि उमेश को सिकलसेल की बीमारी थी और इसी वजह से उसकी मौत हुई, जबकि परिजनों का आरोप है कि पुलिस की मारपीट से उमेश की जान (Custodial death case) गई।

Custodial death case: सीएएफ की देखरेख में है शव

परिजनों द्वारा शव (Custodial death case) लिए जाने से इनकार करने पर पुलिस ने 10 नवंबर को बलरामपुर अस्पताल से उमेश का शव निकालकर राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मरच्यूरी में रखवा दिया था। 2 दिन से शव वहीं रखा हुआ है। शव की देखरेख के लिए सीएएफ फोर्थ बटालियन की डी कंपनी के जवानों की दो पाली में तैनाती की गई है। इसमें दो हवालदार और आठ सिपाही लगातार पहरा दे रहे हैं।

राजपुर में पुलिस की बनी हुई है आवाजाही

पिछले चार दिनों से शव को मरच्यूरी (Custodial death case) में रखे जाने के बाद राजपुर में पुलिस अधिकारियों की लगातार आवाजाही बनी हुई है। अब परिजनों के साथ ही लोग भी इस पूरे मामले को लेकर न्यायिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।