MP News: नेशनल हाइवे-43 पर बने सांधा पुल में गहरी दरारें और टूटी सड़क हादसे की चेतावनी दे रही हैं। टोल वसूली जारी है, लेकिन मरम्मत पूरी तरह ठप है।
sandha bridge wall cracks: अनूपपुर जिले के नेशनल हाइवे-43 पर बने सांधा पुल और उससे जुड़े सड़क हिस्से में लगातार बढ़ती दरारें हादसे की चेतावनी दे रही हैं। पुल की भीतर की दीवारों से लेकर ऊपर की सड़क तक जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं। भारी वाहनों के लगातार आवागमन के बीच अब यह स्थिति राहगीरों की सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही है। वर्ष 2018 में बनाए गए इस ओवरब्रिज की पहले भी मरम्मत की जा चुकी है, लेकिन अब दोबारा दीवारों और सड़क में दरारें गहराने लगी हैं। (mp news)
सांधा मोड़ पर बने ओवरब्रिज के नीचे रिटेनिंग वॉल में कई जगह दरारें दिख रही हैं। कुछ हिस्सों में तो कंक्रीट टूटने के बाद सरिया भी नजर आ रहा है। सड़क के ऊपरी हिस्से में भी दरारें फैल गई हैं। अस्थायी तौर पर डामर और गिट्टी डालकर इन्हें ढंका गया है, स्थायी मरम्मत नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के दोनों ओर मिट्टी धंसने से सड़क की स्थिति और कमजोर हो रही है।
यह पुल जिले के सबसे व्यस्त मार्गों में से है, जहां दिनभर भारी ट्रक और कोयला लोड वाहन गुजरते हैं। टोल टैक्स की वसूली नियमित की जा रही है, लेकिन मेंटेनेंस का काम महीनों से रुका हुआ है। राहगीरों का कहना है कि पुल के स्लैब का ऊपरी हिस्सा भी टूटना शुरू हो गया है, बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई ठोस मरम्मत नहीं कराई गई।
अनूपपुर-राजेंद्रग्राम मार्ग पर स्थित किरर घाट की रिटेनिंग वॉल का काम भी दो साल से अधूरा पड़ा है। 18 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन 800 मीटर का हिस्सा अभी बाकी है। इस अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए एमपीआरडीसी विभाग ने वरिष्ठ कार्यालय को 6 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है, जो अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है। बारिश के दौरान यहां भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक अवधेश स्वर्णकार ने बताया कि विभाग की ओर से 800 मीटर रिटेनिंग वॉल निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी तक राशि की स्वीकृति नहीं मिली है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।