ज्योतिष के अनुसार मोती 2 साल, मूंगा 3–4 साल, माणिक्य 5–7 साल, पन्ना 5 साल और पुखराज, हीरा व नीलम 10–20 साल तक प्रभावी रहते हैं। तय अवधि के बाद रत्न बदलना जरूरी होता है।
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को केवल आभूषण नहीं, बल्कि ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने का साधन माना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हर रत्न की एक निश्चित प्रभाव अवधि (Effective Duration) होती है। समय पूरा होने के बाद रत्न का असर कमजोर हो जाता है और कई बार लाभ के बजाय नुकसान भी हो सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि कौन-सा रत्न कितने साल तक पहनना चाहिए।
मोती चंद्रमा से संबंधित रत्न है।
मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और तनाव से राहत के लिए मोती उपयोगी होता है, लेकिन तय समय के बाद इसे बदलना जरूरी है।
मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है।
साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने में मूंगा मदद करता है।
माणिक्य सूर्य ग्रह का रत्न है।
यह रत्न आत्मसम्मान, नेतृत्व क्षमता और करियर में मजबूती देता है।
पन्ना बुध ग्रह का रत्न है।
बुद्धि, वाणी, व्यापार और निर्णय क्षमता के लिए पन्ना लाभकारी माना जाता है।
पीला पुखराज (Jupiter), हीरा (Venus) और नीलम (Saturn)
ये रत्न जीवन में स्थिरता, धन, वैभव और कर्मफल को मजबूत करते हैं।